punjab : दस्तावेज पेश करने के आदेश पर मजीठिया की पत्नी को आपत्ति, नोटिस रद करने की मांग
शिरोमणि अकाली दल की नेता गनिव ग्रेवाल ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 10 अगस्त 2025 के नोटिस को रद करने की मांग की है। उन्होंने नोटिस को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया और राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया। ग्रेवाल ने कोर्ट से अंतरिम राहत की गुहार लगाई है जिसपर कोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी और मजीठा से विधायक गणिव ग्रेवाल ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। 10 अगस्त 2025 को उनके खिलाफ जारी किए नोटिस को रद करने की मांग की है।
डीएसपी विजिलेंस द्वारा नोटिस में गणिव ग्रेवाल को समन करते हुए कुछ दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि यह नोटिस भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 94 के तहत जारी किया गया है और यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
याचिका के अनुसार वह इस मामले में आरोपित नहीं है। ग्रेवाल ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उन्हें और उनके पति को लगातार निशाना बना रही है। याचिका में कहा गया है कि उनके पति के खिलाफ पहले भी कई एफआईआर दर्ज की गई हैं।
इससे पहले 2024 में भी, उनके पति बिक्रम सिंह मजीठिया को इसी तरह का नोटिस मिला था, जिसे बाद में राज्य सरकार ने वापस ले लिया था। याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके पति के खिलाफ दर्ज एफआईआर में यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने और उनकी पत्नी गणिव ग्रेवाल ने अवैध तरीकों से संपत्ति अर्जित की है।
याचिका में कहा गया है कि नोटिस जारी करने वाला अधिकारी एक पुलिस स्टेशन का प्रभारी या न्यायालय नहीं है, इसलिए उसके द्वारा जारी किया गया नोटिस अधिकार क्षेत्र से बाहर है। गणिव ग्रेवाल ने अदालत से इस नोटिस को रद करने और इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 (3) के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने अदालत से यह भी प्रार्थना की है कि जब तक याचिका लंबित है, तब तक उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को 26 सितम्बर के लिए नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया है
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