'ओवरवेट' महिमा ने कोरोना काल में दिखाया चमत्कार, बातचीत में खोले राज-कैसे सेना में हासिल किया टाप रैंक
पंचकूला की रहने वाली महिमा सिर्फ जज्बे के बलबूते पर ही भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर चुनी गई हैं। एसएसबी के समय कोरोना चरम पर था। वह ओवरवेट थीं। ये ...और पढ़ें

बरनाला [हेमंत राजू]। पंचकूला की 21 साल की महिमा सिंगला का सेना में जाकर देश सेवा करने का सपना साकार हो गया है। महिमा ने सिविल इंजीनयरिंग कैटेगरी में शार्ट सर्विस कमीशन वुमन टेक्निकल एंट्री में देश में पहला स्थान हासिल करके लेफ्टिनेंट बनने का सपना पूरा किया है। महिमा के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं था। दरअसल, महिमा का एसएसबी 9 से 13 जून तक बेंगलुरु में था। ओवरवेट होने के कारण उन्हें 42 दिन का समय दिया गया। महिमा ने केवल दो सप्ताह में खुद की फिटनेस हासिल की। इसके बाद फिर से टेस्ट दिया और सेना में उनका चयन हो गया। महिमा ने वर्ष 2020 में पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पेक), चंडीगढ़ से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है।
सेना में सिविल इंजीनियरिंग फील्ड की लड़कियों के लिए सिर्फ तीन पदों पर चयन होना था। इसके लिए हजारों लड़कियों ने आवेदन किया था। महिमा ने बताया कि सेना ने 7000 को शार्टलिस्ट किया था। कड़े मुकाबले के बाद इसमें उन्हें आल इंडिया पहला रैंक मिला। महिमा ने बताया जिस समय उनका बेंगलुरू में एसएसबी होना था, उस समय कोरोना वायरस का प्रकोप चरम पर था। बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने जुनून को पूरा करने के लिए बेगलुरु के लिए निकल गईं।
स्कूल में पढ़ाई में रहीं अव्वल, स्टेट लेवल पर पेंटिंग में जीते अवार्ड
बरनाला में पिता के साथ अपने एक रिश्तेदार के घर पर आईं महिमा ने बताया कि कालेज लेवल पर वह चार साल तक एनएसएस वालंटियर रही हैं। स्कूलिंग के दौरान वह पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में भी हमेशा अव्वल रही है। स्टेट लेवल पर पेंटिंग में कई अवार्ड हासिल किए। गिटार बजाना और बागबानी करना उनकी हाबी में शामिल है।

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