आने वाली पीढ़ी की यादों में जिंदा रहेंगे बापू, गांधी स्मारक भवन के म्यूजियम में देखें जेल
महात्मा गांधी को आने वाली पीढ़ी यादों में जिंदा रखे, इसके लिए गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16 में स्पेशल म्यूजियम का निर्माण कराया गया है। हालांकि अभी आम लोगों के लिए इसे नहीं खोला जा सका है।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : महात्मा गांधी को आने वाली पीढ़ी यादों में जिंदा रखे, इसके लिए गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16 में स्पेशल म्यूजियम का निर्माण कराया गया है। हालांकि अभी आम लोगों के लिए इसे नहीं खोला जा सका है। अधिकारियों ने बताया कि महात्मा गांधी पर आधारित देश भर में वैसे तो कई म्यूजियम हैं, लेकिन शहर में बने इस म्यूजियम की खासियत यह होगी कि इसके अंदर गांधी जी कि जेल भी देखने को मिलेगी। जेल में महात्मा गांधी की जो भी जरूरतें होती थीं, वह सारे सामान इस जेल में नजर आएंगे। इसके अलावा राष्ट्रपिता के चश्मे, चरखे और तीन बंदर भी मौजूद रहेंगे। उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी अपने जीवन काल में 13 बार जेल गए थे।
दो अक्टूबर को बदनौर करेंगे म्यूजियम का उद्घाटन
गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16 के अध्यक्ष केके शारदा ने बताया कि यह म्यूजियम महात्मा गांधी के जन्मदिवस दो अक्टूबर को प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की तरफ से शुरू कराया जाएगा। बदनौर इसका उद्घाटन करेंगे। दो सौ तस्वीरों से डिस्पले की गई जीवन यात्रा
गांधी स्मारक भवन में महात्मा गांधी के जीवन की करीब दो सौ तस्वीरों को डिस्पले किया गया है। इसमें प्रमुख घटनाओं को पेश किया गया। भूख हड़ताल के बाद महात्मा गांधी की स्थिति, आंदोलन के समय की स्थिति, अंग्रेजों के बीच महात्मा गांधी का रूतबा और अंत में हत्या के बाद अंतिम दर्शन तक की फोटो को म्यूजियम में लगाया गया है।
दांडी यात्रा का लगाया गया मैप
महात्मा गांधी की दांडी यात्रा मशहूर है। इसके बारे में लोगों को पता चले इसके लिए दांडी यात्रा का मैप लगाया गया है। जिसमें यात्रा के शुरू होने के स्थान से लेकर खत्म होने का पूरा रास्ता दिखाया गया है। इसमें साबरमती से लेकर दांडी तक के बीच पड़ने वाले सभी स्टेशन चिहिन्त किए है।
होगा फिल्मों का प्रदर्शन
महात्मा गांधी पर आधारित दो शार्ट फिल्में भी यहां प्रदर्शित की जाएंगी। इसमें एक फिल्म आधे घंटे और दूसरी फिल्म डेढ़ घंटे की होगी। यहां एंट्री के लिए लोगों को टिकट लेना होगा। गूंजेगी साबरमती के संत की आवाज
म्यूजियम में बच्चों को महात्मा गांधी के आवाज से रू-ब-रू कराने के लिए टेलीफोन लगाए जाएंगे। यह विशेष प्रकार के फोन है, जिसमें गांधी जी की आवाज को रिकॉर्ड किया गया है। म्यूजियम में आने वाला कोई भी व्यक्ति इसे आम लैंडलाइन फोन की तरह उठाकर सुन सकता है।
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