Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    '48 घंटे में नहीं हुई गिरफ्तारी तो भारत बंद...', IPS पूरन कुमार सुसाइड मामले में महापंचायत का प्रशासन को अल्टीमेटम

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 10:53 AM (IST)

    आईपीएस पूरन कुमार आत्महत्या मामले में महापंचायत ने प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। महापंचायत ने चेतावनी दी है कि यदि इस अवधि में गिरफ्तारी नहीं होती है, तो भारत बंद का आह्वान किया जाएगा। उन्होंने आईपीएस पूरन कुमार की मौत की गहन जांच और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। ऐसा न होने पर भारत बंद की चेतावनी दी है।

    Hero Image

    पूरन कुमार सुसाइड केस में प्रदर्शन करते लोग (जागरण फोटो)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में रविवार को सेक्टर-20 के रविदास मंदिर में अनुसूचित जाति के 36 संगठनों ने महापंचायत बुलाई।

    महापंचायत के दौरान संगठन के तमाम नेताओं ने एक स्वर में डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत कपूर को हटाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग उठाई। कहा जब गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक पोस्टमार्टम नहीं होगा। दोपहर करीब दो बजे महापंचायत शुरू हुई। इसमें चंडीगढ़ के अलावा पंजाब और हरियाणा के भी कई संगठनों ने शिरकत की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चंडीगढ़ प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम

    करीब तीन घंटे तक चली महापंचायत के बाद चंडीगढ़ प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। चेतावनी दी गई है कि यदि चंडीगढ़ पुलिस आरोपित अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं करेगी तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा। संगठन के नेताओं ने कहा कि वह चंडीगढ़ के प्रशासक को मांगपत्र सौंपेंगे।

    संगठन ने स्पष्ट किया कि अगर 48 घंटे बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो भारत बंद का भी आह्वान किया जा सकता है। वही इस आंदोलन में शामिल चंडीगढ़ सफाई कर्मचारी यूनियन ने शहर की सफाई बंद करने की चेतावनी दी।

    छह दिन बाद भी नहीं हुआ पोस्टमार्टम

    आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में छह दिन बीत जाने के बाद भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। अधिकारी का शव मोर्चरी में पिछले छह दिनों से सुरक्षित रखा गया है, लेकिन स्वजन अब तक शव पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं हुए हैं।

    स्वजन के अड़ियल रवैये के कारण प्रशासन और पुलिस की लगातार कोशिशें अब तक विफल रही हैं, जबकि पुलिस की एसआइटी को आशंका है कि शव के अधिक समय तक रखे रहने से महत्वपूर्ण सुबूत नष्ट हो सकते हैं, जिससे पूरे केस की न्यायिक प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।

    सेक्टर-11 की प्राइवेट कोठी में वाई पूरन कुमार के आत्महत्या करने के बाद शव को वहां से उठाकर सेक्टर-16 अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया था।

    उसके बाद शनिवार को स्वजन की अनुमति के बिना शव को पीजीआइ की मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया गया। रविवार को एसएसपी कंवरदीप कौर सुबह से लेकर दोपहर तक अमनीत पी कुमार के सेक्टर-24 स्थित आवास पर मौजूद रहीं। वह पोस्टमार्टम के िलए एक औपचारिक पत्र लेकर पहुंचीं थीं जिसपर अमनीत पी कुमार के हस्ताक्षर लेने की भी कोशिश की लेकिन परिवार ने साफ इनकार कर दिया।