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    ले. जनरल खंडूरी बने वेस्टर्न कमांड के कमांडर इन चीफ, पद संभालने वाले सेना की वायु रक्षा कोर के पहले अधिकारी

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Mon, 01 Nov 2021 06:40 PM (IST)

    वेस्टर्न कमांड के कमांडर इन चीफ का पदभार संभालते ही लेफ्टिनेंट जनरल नव कुमार खंडूरी ने वीर स्मृति पर जाकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। वेस्टर्न कमा ...और पढ़ें

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    ले. जनरल नव कुमार खंडूरी की फाइल फोटो।

    विकास शर्मा, चंडीगढ़। लेफ्टिनेंट जनरल नव कुमार खंडूरी ने सोमवार को पश्चिमी कमान (वेस्टर्न कमांड) के कमांडर एन चीफ का कार्यभार संभाल लिया। वह लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह की जगह वेस्टर्न कमांड के कमांडर एन चीफ बने हैं। लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह 31 अक्टूबर को सेवानिवृत हो गए। यह पहली बार है कि सेना की वायु रक्षा कोर के अधिकारी को किसी कमान में कमांडर इन चीफ के पद पर नियुक्त किया गया है। पदभार संभालते ही लेफ्टिनेंट जनरल नव कुमार खंडूरी ने वीर स्मृति पर जाकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। वेस्टर्न कमांड की तरफ से उन्हें गार्ड आफ आनर दिया गया।

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    खूंडरी वर्ष 2019 के दौरान सुखना स्थित त्रिशक्ति कोर में कमांडर रह चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल ने 17 दिसंबर, 1983 में वायु रक्षा विंग में कमीशन पास किया था। वह आपरेशनल लाजिस्टिक्स और स्ट्रेटिजिक मैनेजमेंट के भी महानिदेशक रहे हैं।

    लंबे बार्डर की रक्षा करती है पश्चिमी कमान

    पश्चिमी कमान का हेड क्वार्टर चंडीमंदिर में स्थित है। पश्चिमी कमान देश की पश्चिमी व उत्तरी सीमाओं की रक्षा करता है। इन सीमाओं में पंजाब के साथ लगता पाकिस्तान का लंबा बार्डर, हरियाणा, दिल्ली समेत हिमाचल और जम्मू के साथ चीन का बार्डर शामिल है। पश्चिमी कमान की यूनिट्स में सेकेंड सैन्य दल अंबाला, नौंवा सैन्य दल योल, ग्यारवां सैन्य दल जालंधर और 40 वां तोप सैन्य दल अंबाला शामिल है। चीन सीमा पर चल रहे विवाद को देखते हुए बतौर पश्चिमी कमान कमांडर एन चीफ नव कुमार खंडूरी की भूमिका अहम हो जाती है।

    हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के रहने वाले हैं ले. जन खंडूरी

    खंडूरी धर्मशाला के योल स्थित नरवाणा बाजार के स्थायी निवासी हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कैंट बोर्ड हाई स्कूल में 1974- 75 के दौरान हुई थी। उनके पिता पीतांबर दत्त खंडूरी इसी स्कूल में मुख्य अध्यापक थे। मां पवना देवी गृहणी हैं। उनकी माता पवना देवी का कहना है कि उनके बेटे का सेना के इतने बड़े ओहदे पर पहुंचना समूचे हिमाचल के लिए सम्मान की बात है। उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से फिलोस्पी ऑफ डिफेंस स्टडीज में मास्टर्स डिग्री और उस्मानिया यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट में मास्टर्स की है।