Punjab Lok Sabha Election: इंडियन पॉलिटिकल लीग की तारीखें तय, टीम घोषित करने में सभी पार्टियां ताक रही एक दूसरे का मुंह
लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख तय हो गई है। पंजाब में भी सभी 13 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होंगे। पंजाब की सभी टीमें अभी तक अपने खिलाड़ियों के नाम तक घोषित नहीं कर पाई हैं। विधानसभा में अपनी टीम को बनाए रखने के लिए कांग्रेस को कम से कम 15 विधायकों की जरूरत है नहीं तो पार्टी के पास प्रमुख विरोधी पार्टी का ओहदा भी नहीं रहेगा।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। Lok Sabha Election 2024: लीजिए....इंडियन पॉलिटिकल लीग की तारीखें तय हो गई हैं। पंजाब के सभी मैच सातवें चरण में रखे गए हैं। निश्चित रूप से यह उन राजनीतिक टीमों के खिलाड़ियों (प्रत्याशियों) के लिए तो अच्छी खबर नहीं है जिनके पास चुनावी बांड के जरिए जुटाए पैसे नहीं हैं या कम हैं। अढ़ाई महीने तक चुनाव प्रचार करना, सख्त गर्मी में रैलियां करवाना , चुनावी टीमों को हर रोज खाना खिलाना और आईटी टीमों को अपने हक में प्रचार के लिए पैसे देते रहना आसान नहीं हैं।
मई और जून के महीने पंजाब में सख्त गर्मी वाले महीने होते हैं और इस प्रचंड गर्मी में मैचों को खेलना टीमों के लिए मुश्किल तो होगा ही , खासतौर पर उनके लिए जो जीतने के बाद सिर्फ वातानुकूलित कमरों में लोगों के लिए योजनाएं बनाते हैं और यह देखते तक नहीं कि ये धरातल पर लागू हो सकी हैं कि नहीं।
पंजाब की टीमें नहीं कर पाई प्रत्याशियों के नाम घोषित
खैर फिलहाल तो पंजाब की सभी टीमें अभी तक अपने खिलाड़ियों के नाम तक घोषित नहीं कर पाई हैं। शिरोमणि अकाली दल , जिसे कभी ऐसी कार्यवाहियों के लिए अपनी हाईकमान के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती और वह शुरू से चुनावी मैचों में फ्रंट फुट पर खेलती है ने आज तक अपने टीम के सदस्यों की घोषणा नहीं की। राजनीतिक खेलों के विश्लेषकों का मानना है कि शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी में मिलकर टीम बनाने संबंधी बैठकें चल रही हैं।
ऐसे में इस संयुक्त टीम में किस दल के कितने खिलाड़ी हों, इसको लेकर बात रुकी हुई है। ये दोनों टीमें पहले भी संयुक्त टीम से ही खेलती रही हैं जिसमें भाजपा के तीन और अकाली दल के दस खिलाड़ी खेलते हैं लेकिन तीन खेती कानूनों के बाद गठबंधन तोड़ने वाले अकाली दल पर अब भाजपा भारी पड़ रही है और उसे अब तीन की बजाए पांच खिलाड़ी चाहिए। दोनों पार्टियां ही इस उहापोह में हैं कि गठबंधन किया जाए कि नहीं।
आप ने मैदान में उतारे आठ खिलाड़ी
खैर, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस मामले में सभी टीमों को पटखनी देते हुए अपने आठ खिलाड़ियों को मैदान में उतार दिया है। चूंकि उनके पास खिलाड़ियों की कमी है इसलिए वे दूसरी टीमों में भी झांक रहे हैं और वहां ऐसे खिलाड़ियों की तलाश कर रहे हैं जिन्हें उनकी टीम प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं कर रही है।
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बस्सी पठाणा के पूर्व विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी और चब्बेवाल सीट के मौजूदा विधायक डॉ. राजकुमार चब्बेवाल को आप ने उनकी टीम से खेलने का प्रस्ताव दिया तो दोनों ने झट से कांग्रेस की जर्सी उतारकर आम आदमी पार्टी की पहन ली। आप ने अभी पांच खिलाड़ी और घोषित करने हैं।
राजकुमार चब्बेवाल ने खुद दिया इस्तीफा
कांग्रेस की दिक्कत यह है कि उसके पास पहले खिलाड़ियों की कमी नहीं थी , लेकिन जिस प्रकार से तू चल, मैं आया वाली स्थिति चल रही है, उससे टीम को लगता है कि कहीं ऐसा न हो कि उनके पास प्लेइंग इलेवन में खेलने के लिए दिग्गज खिलाड़ी ही न बचें और उन्हें नए खिलाड़ियों को मैदान में उतारना पड़े।
पहले ही पार्टी ने अपने एक विधायक संदीप जाखड़ को निलंबित किया हुआ है और दूसरा राजकुमार चब्बेवाल खुद ही इस्तीफा दे गया। विधानसभा में अपनी टीम को बनाए रखने के लिए कांग्रेस को कम से कम 15 विधायकों की जरूरत है नहीं तो पार्टी के पास प्रमुख विरोधी पार्टी का ओहदा भी नहीं रहेगा।
कांग्रेस के खिलाड़ियों ने अपनी पत्नियों को मैदान में उतारा
कांग्रेस की टीम के मुख्य खिलाड़ी खुद खेलने की बजाए अपनी पत्नियों को टिकट दिलाने में लगे हैं या फिर ऐसे खिलाड़ियों को उतारने में लगे हैं ताकि वे जीतकर राष्ट्रीय टीम में चले जाएं और आइपीएल की टीम उनके लिए छोड़ दें। मसलन नवजोत सिंह सिद्धू ऐसे ही खिलाड़ियों में से एक हैं। वह खुद भी बड़े क्रिकेटर रह चुके हैं।
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उन्होंने आईपीएल खेलने से साफ मना कर दिया है लेकिन टीम के कप्तान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा उन्हें पटियाला से उतारने में लगे हुए हैं। यही स्थिति पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की भी है जिन्हें जालंधर के मैदान में उ तारने की मशक्कत चल रही है। पता चला है कि उन्होंने तो एक मीटिंग में कह भी दिया है कि अगर मुझे लड़वाना है तो सभी अन्य बड़े खिलाड़ी भी कमान संभालें।
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