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    Lok Sabha Election 2024: पंजाब में बीजेपी और शिअद की राह पहले से ही थी जुदा, अब दिलों की दूरियां भी बढ़ीं

    Updated: Fri, 12 Apr 2024 02:52 PM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 पंजाब में बीजेपी और शिअद की राह पहले से ही जुदा थी। अब उनके दिल भी अलग हो रहे हैं। पार्टी के नेता भी अपना पाला बदल रहे हैं। लोकसभा चुनाव में गठबंधन की संभावना खत्म होने के बाद भाजपा ने शिअद के कद्दावर नेता सिकंदर सिंह मलूका के बेटे गुरप्रीत सिंह मलूका और आईएएस बहु परमपाल कौर को पार्टी में शामिल करवाया।

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    पंजाब में बीजेपी और शिअद के राह पहले से ही थी जुदा (फाइल फोटो)

    कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Lok Sabha Electiion 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के राह 2020 में तीन कृषि कानून को लेकर जुदा हो गए थे। शिअद ने 25 वर्ष पुराना गठबंधन तोड़ लिया था। इसके बावजूद दोनों पार्टियों की दिलों की दूरियां कभी भी नहीं बढ़ी। इस दौरान दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे में गए।

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    बठिंडा से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी परमपाल कौर

    लोकसभा चुनाव में गठबंधन की संभावना खत्म होने के बाद भाजपा ने शिअद के कद्दावर नेता सिकंदर सिंह मलूका के बेटे गुरप्रीत सिंह मलूका और आईएएस बहु परमपाल कौर को पार्टी में शामिल करवाया। परमपाल कौर का बठिंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना तय है। वह सुखबीर बादल की पत्नी व तीन बार की सांसद हरसिमरत कौर बादल को चुनौती देंगी। इस ज्वाइनिंग ने शिअद और भाजपा की दिलों की दूरियां को भी बढ़ाना शुरू कर दिया है।

    सिकंदर सिंह मलूका भी थाम सकते हैं कमल

    भाजपा के इस कदम पर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा ‘भाजपा में जाने वाले नेताओं का डीएनए टेस्ट करवाना चाहिए।’ शिअद की बौखलाहट इसलिए भी है क्योंकि बेटे और बहू के जाने के बाद सिकंदर सिंह मलूका का भी भाजपा में जाना तय है।

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    मलूका अगर भाजपा में जाते हैं तो बठिंडा लोकसभा सीट के तहत आते मौड़ और रामपुरा फूल विधानसभा सीट से शिअद की पकड़ कमजोर पड़ जाएगी। क्योंकि मलूका के बेटे गुरप्रीत सिंह और सिकंदर सिंह मलूका रामपुराफूल की जिम्मेदारी उठा रहे थे। इससे तीन बार की सांसद परनीत कौर की परेशानी बढ़ सकती है।

    परनीत कौर पर टिकी बादल परिवार की अंतिम उम्‍मीद

    परनीत कौर आगामी लोकसभा चुनाव में बादल परिवार की अंतिम उम्मीद है। क्योंकि प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद सुखबीर बादल अब लोक सभा का चुनाव लड़ने की बजाए पार्टी की जिम्मेदारी निभाने में ज्यादा रुचि दिखा रहे है। वर्तमान में दोनों ही पति-पत्नी सांसद है।

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    शिअद के साथ गठबंधन नहीं होने पर भाजपा ने शिअद के सीधा दिमाग पर चोट किया है। पिछले तीन चुनाव में बठिंडा सीट शिअद के लिए प्रतिष्ठा का सवाल रही है। यही कारण रहा है कि गठबंधन में रहते हुए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर हेमा मालिनी, सनी दियोल तक हरसिमरत के लिए वोट मांगने के लिए आते रहे है।

    भाजपा और शिअद की दिख रही दूरी

    शिरोमणि अकाली दल की नजर 2027 के विधानसभा चुनाव पर थी। राजनीतिक गलियारों में चह चर्चा भी आम थी कि भले ही 2024 में दोनों पार्टियों का गठबंधन नहीं हो पाया हो लेकिन 2027 तक दोनों पार्टियां फिर एक मंच पर दिखाई देंगी। लेकिन लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार से दोनों पार्टियों की बीच की दूरियां बढ़ती जा रही है उससे इस बात की संभावना भी क्षीण होती जा रही कि अगले विधान सभा चुनाव में दोनों पार्टियां एक हो सकती है।