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    जेल से लॉरेंस का इंटरव्यू बेहद गंभीर मामला, इंटर स्टेट मिला तो सीबीआई को देंगे जांच: हाई कोर्ट

    By Dayanand SharmaEdited By: Nidhi Vinodiya
    Updated: Wed, 20 Dec 2023 11:20 PM (IST)

    लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़े सख्त लहजे में कहा कि मामला बेहद गंभीर है और इसकी आगे जांच जरूरी है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व एमिकस क्यूरी को इस मामले में जांच के लिए आईपीएस अधिकारियों के नाम के सुझाव सौंपने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि मामला इंटर स्टेट पाया जाता है तो जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी।

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    इंटर स्टेट मिला तो सीबीआई को देंगे जांच: हाई कोर्ट

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़े सख्त लहजे में कहा कि मामला बेहद गंभीर है और इसकी आगे जांच जरूरी है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व एमिकस क्यूरी को इस मामले में जांच के लिए आईपीएस अधिकारियों के नाम के सुझाव सौंपने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि मामला इंटर स्टेट पाया जाता है तो जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी।

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    सुनवाई के दौरान पंजाब के एडीजीपी जेल समेत अन्य अधिकारी अदालत में पेश हुए। इस दौरान हाई कोर्ट ने पूछा कि आठ माह की जांच के बाद भी इंटरव्यू के स्थान का पता क्यों नहीं लगाया जा सका है। एडीजीपी ने कहा कि सीआरपीसी के तहत शक्तियों के अभाव में उनके अधिकार सीमित थे। कमेटी ने जांच के बाद दोनों इंटरव्यू के लिए एफआईआर दर्ज कर जांच करने की सिफारिश की है। हाईकोर्ट ने कहा कि अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं और इंटरव्यू पंजाब में होने की संभावना से पूरी तरह से इनकार नहीं किया गया है। ऐसे मेंं अब अब सरकार बताए की क्यों न हाईकोर्ट एक एसआईटी बना इसकी आगे जांच करवाए।

    इस पर कोर्ट का सहयोग कर रही एडवोकेट तनु बेदी ने कहा कि एसआईटी पंजाब के बाहर के पुलिस अधिकारियों की होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब पुलिस में कई बेहतरीन अधिकारी हैं जो जांच करने में सक्षम हैं और ऐसे में पंजाब पुलिस व एडवोकेट तनु बेदी अगली सुनवाई पर ऐसे नाम सुझाएं जो कम से कम एसपी के पद से कम न हों।

    जांच सवालों के घेरे में

    एडवोकेट तनु बेदी ने कहा कि जांच में कई खामियां थीं और बेहतर जांच की जा सकती थी। उन्होंने कहा वह मान ही नहीं सकती कि इतनी लंबी इंटरव्यू पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत के बिना हुई है। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई की इंटरव्यू तक वह किस किस जेल में कब-कब रहा उसकी जांच की का सकती थी।

    लॉरेंस के इंटरव्यू के बाद उगाही की कॉल का ब्योरा तलब

    सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि इंटरव्यू में लॉरेंस ने सलमान खान को भी धमकी दी थी। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने एडीजीपी जेल से पूछा कि वह अब यह भी बताएं की इस इंटरव्यू के बाद जेल से एक्सटोर्शन की कॉल में बढ़ोतरी हुई है या नहीं। सरकार ने बताया लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ कुल 69 एफआईआर पेंडिंग हैं।

    अभी तक इंटरनेट पर क्यों मौजूद है इंटरव्यू

    हाईकोर्ट को एडवोकेट तनु बेदी ने बताया कि लॉरेंस का इंटरव्यू अभी तक इंटरनेट पर मौजूद है और लाखों लोग इसे देख चुके हैं। इसमें हजारों की संख्या में कमेंट मौजूद हैं जो लॉरेंस की तारीफ से जुड़े हैं। ऐसे इंटरव्यू का इंटरनेट पर मौजूद होना युवाओं के बीच गलत संदेश प्रसारित कर रहा है। हाईकोर्ट ने इसपर पंजाब सरकार से पूछा है कि इसे इंटरनेट से हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। यदि ऐसा नहीं किया गया तो हम चैनल व यू ट्यूब को पार्टी बनाकर आदेश जारी कर देंगे।

    तकनीकी विशेषज्ञों की मदद लेगी पंजाब पुलिस

    एडीजीपी ने बताया कि जेलों में सिग्नल रोकने के लिए वे आईआईटी रोपड़ की मदद ले रहे हैं। इस दौरान पेक के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के एसोसिएशन प्रोफेसर सिमरनजीत सिंह कोर्ट के आदेश पर मौजूद थे। उन्होंने हर जनरेशन की फ्रीक्वेंसी के मोबाइल सिग्नल को रोकने के लिए अलग-अलग जैमर जरूरी है। हाई कोर्ट ने अब एडीजीपी को आईआईटी रोपड़ के साथ पेक की सहायता लेने का भी आदेश दिया है।

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