चंडीगढ़ में रेहड़ी-फड़ी वालों से हर रोज लाखों की वसूली, विजिलेंस जांच में खुलेंगे अवैध कमाई के राज
चंडीगढ़ नगर निगम के एंफोर्समेंट विंग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद विजिलेंस जांच की सिफारिश की गई है। मेयर हरप्रीत कौर बबला ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कही है। सेनेटरी इंस्पेक्टरों और रोड विंग के जूनियर इंजीनियरों को भी चालान काटने का अधिकार दिया गया है। बेलदार विकास ने वसूली के आरोप लगाए थे जिसके बाद यह मामला सामने आया।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नगर निगम एंफोर्समेंट विंग की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक वीडियो वायरल होने के बाद पूरे मामले की जांच विजिलेंस करेगी। एक कर्मचारी के आरोप हैं कि रेहड़ी-फड़ी वालों से हर रोज लाखों रुपये वसूले जाते हैं। इन आरोपों के बाद अब नगर निगम कमिश्नर ने खुद विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। सेक्रेटरी लोकल गवर्नमेंट को सिफारिश भेज दी गई है।
इसके साथ ही एंफोर्समेंट विंग की कार्यप्रणाली में भी बड़ा बदलाव किया गया है। अतिक्रमण पर और सख्ती बढ़ाने के लिए निगम अधिकारियों ने पहली बार सेनेटरी इंस्पेक्टरों और रोड विंग के जूनियर इंजीनियरों को भी चालान काटने और अतिक्रमण का सामान जब्त करने के अधिकार दे दिए हैं।
पहले केवल एंफोर्समेंट विंग ही यह कार्रवाई कर सकती थी। अब इसे सेनेटरी विंग और रोड विंग को भी दे दिया गया है। इंटिग्रेटिड प्रणाली एंफोर्समेंट के लिए निगम में लागू हो गई है। इस पूरे मामले के बाद निगम कमिश्नर अमित कुमार ने एंफोर्समेंट विंग के सब इंस्पेक्टर के ट्रांसफर भी कर दिए हैं।
इंस्पेक्टर को एंफोर्समेंट से हटाकर एस्टेब्लिशमेंट भी भेजा गया है। बेलदार विकास ने बनाए गए इस वीडियो में एंफोर्समेंट विंग की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। निगम प्रशासन का कहना है कि इन कदमों से प्रवर्तन विंग की कार्यप्रणाली पर लगे आरोपों की सच्चाई सामने आएगी और आगे की कार्रवाई पूरी तरह पारदर्शिता के साथ होगी।
एंफोर्समेंट विंग में किए बड़े बदलाव
-एंफोर्समेंट विंग के मजदूर, बेलदार और सब इंस्पेक्टर सहित सभी फील्ड स्टाफ को अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है ताकि किसी तरह का दबाव या अनुचित प्रभाव न पड़े। सात बेलदार और मजदूरों को एंफोर्समेंट विंग से हटाकर इंजीनियरिंग विभाग भेजा गया है।
-कार्यवाही को और पारदर्शी बनाने और भ्रष्टाचार की आशंका को खत्म करने के लिए एंफोर्समेंट विंग की गाड़ियों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है। यह प्रस्ताव सक्षम प्राधिकारी से मंजूर हो चुका है और अनुमान तैयार किए जा रहे हैं।
बेलदार विकास ने लगाए थे वसूली के आरोप
एंफोर्समेंट विंग में कार्यरत रहे बेलदार विकास ने एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जारी कर इंस्पेक्टरों पर प्रतिमाह वेंडरों से तीन से छह लाख रुपये इक्ट्ठे करने का आरोप लगाया था। विकास ने कहा था कि उस पर और पैसे जुटाने का दबाव डाला जा रहा है।
विकास ने वीडियो में कई इंस्पेक्टर का नाम तक लिया था। वीडियो में उसकी पत्नी और बच्चे भी साथ दिख रहे थे। वीडियो वायरल होने पर अगले ही दिन विकास ने दूसरा वीडियो जारी कर कहा कि उसने शराब पीकर पहला वीडियो बनाया था।
हालांकि अगले दिन फिर विकास ने एक प्रेस वार्ता कर अपने पहले आरोपों को सही बताते हुए एंफोर्समेंट विंग के इंस्पेक्टरों और सब इंस्पेक्टरों पर वसूली के आरोप लगाए। इसके बाद पार्षद सौरभ जोशी ने पूरे मामले की सीबीआइ जांच और प्राइवेट एजेंसी को सौंपे जाने के लिए प्रशासक को चिट्ठी लिखी थी।
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