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    Mohali : इंटर्नशिप के नाम पर 'मजदूरी', नर्सिंग छात्रों से उठवाए जा रहे दवाओं के डब्बे

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 11:59 AM (IST)

    मोहाली एम्स में नर्सिंग इंटर्न से दवाओं के डब्बे उठवाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण की जगह कुली जैसे काम करने पर मजबूर किया गया। पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं जहां छात्रों से गैर-शैक्षणिक कार्य कराए गए। अस्पताल प्रशासन ने जांच की बात कही है।

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    व्यवस्था की खामियों का बोझ छात्रों के कंधों पर ही डाला जाना कितना उचित है।

    विशाल मित्तल, मोहाली। दवाओं के डिब्बे उठाकर लाओ। मेडिकल लाइन में अपने सपने बुनकर आए नर्सिंग छात्रों को अगर उनकी इंचार्ज ऐसे फरमान सुनाएगी तो उनके मन में क्या ख्याल आता होगा किसी ने समझा है। फेज-6 स्थित डा. बीआर अंबेडकर इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में कुछ तरह के ही आदेश हो रहे हैं। छात्रों को जिस संस्थान में व्यावसायिक ज्ञान और व्यवहारिक प्रशिक्षण मिलना चाहिए था, वहां उन्हें कुली जैसे काम करने पर मजबूर किया जा रहा है।

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    वीरवार को ऐसा मामला सामने आने पर जब जब इमरजेंसी की नर्सिंग इंचार्ज प्रीती से सवाल किया गया तो उन्होंने सफाई दी कि ट्राली दूसरी इमारत में थी और बाहर बारिश हो रही थी, इसलिए छात्रों से हाथों से डब्बे उठवाए गए। यह तर्क जितना बचकाना है, उतना ही शर्मनाक भी। अगर हर बार व्यवस्था की खामियों का बोझ छात्रों के कंधों पर ही डाला जाएगा तो फिर अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी क्या है?

    वार्ड के बाहर खड़े होकर आवाजें लगाकर मरीज बुलाने की ड्यूटी 

    यह एकलौता मामला नहीं है। ऐसे कई मामले एम्स अस्पताल से पहले भी सामने आए है जहां नर्सिंग इंटर्न छात्रों से वह कार्य करवाए जा रहे थे जो उनकी पढ़ाई और ट्रेनिंग दोनों का हिस्सा नहीं थे। ऐसे ही कुछ दिनों पहले भी मेडिसिन वार्ड में एक नर्सिंग छात्रा को वार्ड से बाहर खड़े होकर आवाजें लगाकर मरीजों को बुलाने की ड्यूटी दी गई।

    न तो यह कार्य उसके प्रोफेशनल स्किल का हिस्सा था, न ही इससे उसका कोई शैक्षणिक विकास हुआ। महंगी फीस भरकर, प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर बड़े सपने लेकर इन संस्थानों में दाखिला लेने वाले छात्र जब यहां आकर मजदूर बना दिए जाते हैं तो यह न केवल उनके आत्मसम्मान के साथ अन्याय है, बल्कि देश की मेडिकल शिक्षा प्रणाली के गिरते स्तर का भी आइना है।

    सिविल सर्जन तक पहुंचा मामला

    इस संबंध में जब सिविल सर्जन डा. संगीता जैन से बात की गई तो उनका कहना था कि ऐसे इंटर्नशिप करने आए नर्सिंग छात्रों से डब्बे उठवाए नहीं जा सकते हैं। वहीं अगर ऐसा कुछा हुआ है तो इस पर जांच कर कार्यवाही की जाएगी।