Punjab News: 'KZF चीफ करवा रहा थानों पर हमले', DGP बोले- ग्रीस में बैठे मनु को हैंडलर के रूप में कर रहा इस्तेमाल
पंजाब पुलिस ने खुलासा किया है कि विदेश से संचालित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) पंजाब में पुलिस थानों और चौकियों पर हमले करवा रहा है। केजेडएफ का प्रमुख रंजीत सिंह नीटा ग्रीस में बैठे जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान को हैंडलर के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। मनु के इशारे पर पंजाब में बैठे केजेडएफ के गुर्गे इन धमाकों को अंजाम दे रहे थे।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। यूपी व पंजाब पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के तीन गुर्गों के मारे जाने के बाद पंजाब पुलिस के महानिदेशक का कहना है कि पंजाब में पुलिस थानों व चौकियों पर हमले विदेश से खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) का प्रमुख रंजीत सिंह नीटा करवा रहा है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि हमलों को अंजाम देने के लिए नीटा ग्रीस में बैठे जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान को हैंडलर के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। मनु के इशारे पर पंजाब में बैठे केजेडएफ के गुर्गें इन धमाकों को अंजाम दे रहे थे। पंजाब में एक माह में आठ पुलिस थानों व चौकियों को निशाना बनाया गया है।
यादव ने बताया कि केजेडएफ से जुड़ा ब्रिटेन में बैठा एक अन्य हैंडलर जगजीत सिंह ने थानों व चौकियों पर धमाकों की जिम्मेदारी लेने के लिए ‘फतेह सिंह बागी’ की पहचान का इस्तेमाल किया।
पुलिस टीमों को पीलीभीत भेजा गया
जगजीत सिंह ब्रिटिश सेना में काम कर रहा है। डीआइजी बार्डर रेंज सतिंदर सिंह ने बताया कि धमाकों में शामिल आरोपितों के उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में होने की जानकारी मिलने पर तुरंत वहां की पुलिस को सूचित किया गया और संयुक्त अभियान शुरू करने के लिए गुरदासपुर से पुलिस टीमों को पीलीभीत भेजा गया।
उल्लेखनीय है कि थाना कलानौर के अंतर्गत पुलिस चौकी बख्शीवाल पर 19 दिसंबर तथा पुलिस चौकी वडाला बंगार पर 20 दिसंबर को धमाके हुए थे। ये दोनों चौकियां धमाके के समय बंद थीं। इन दोनों चौकियों को गत दिवस रविवार को ही पुन: खोल दिया गया है तथा यहां कर्मचारियों की संख्या भी पहले चार-चार से बढ़ाकर 12-12 कर दी गई है।
पुलिस चौकी में धमाके के बाद से गायब थे तीनों आरोपित
मारे गए तीनों आरोपित जिला गुरदासपुर के रहने वाले थे। जिले के सीमावर्ती थाना कलानौर में पुलिस चौकी बख्शीवाल पर 18 दिसंबर की रात ग्रेनेड फेंकने के बाद से सभी अपने घरों से गायब थे।
आरोपित जश्नप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (18) कलानौर के गांव निक्का शहूर, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि (23) गांव अगवान व गुरविंदर सिंह (25) मोहल्ला कलानौर में रहते थे। तीनों नशा करने के आदी थे।
जश्नप्रीत व वीरेंद्र ट्रक ड्राइवरी करते थे। जश्नप्रीत की मां ने बताया कि वे दोनों मंगलवार को साथ ही घर से गए थे। वीरेंद्र का परिवार भी काफी गरीब है। इस समय उसके घर पर ताला लगा हुआ है। गुरविंदर माता-पिता का इकलौता बेटा था जिसे उन्होंने गोद लिया था।
गुरविंदर कोई काम नहीं करता था। उस पर एक युवक को नहर में धकेलकर उसकी हत्या करने का मामला दर्ज है। वह जमानत पर रिहा होकर आया था। जश्नप्रीत का भी उनके घर में आना-जाना था। इसके अलावा कुछ और भी युवक उनके घर आते रहते थे।
पैसों का लालच देकर करवाए जा रहे धमाके
पंजाब में पुलिस थानों व चौकियों में आईईडी लगाने व धमाके करवाने की घटनाओं में पुलिस जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। विदेश में बैठे आतंकी पंजाब में नशेड़ी युवकों को विदेश में सैटल करने, पैसे व नशे का लालच दे रहे हैं।
युवा इस लालच में आतंकवादियों के हथियार व विस्फोटक पदार्थ हैंडलरों तक पहुंचाने या धमाके करने का काम कर रहे हैं।
गत वर्ष से अब तक आतंकी गतिविधियों में शामिल कई युवकों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें अधिकांश नशेड़ी व बेरोजगार हैं और उन्हें हैंडलर्स ने अपने काम के बदले पैसे देने या विदेश में नौकरी दिलाने का वादा किया गया था।
विदेशों में बैठे हैंडलर अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर समेत कई जिलों के बार्डर क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं। पंजाब पुलिस ने हाल ही में एक गिरोह के दो लोगों पकड़ा था। पूछताछ में उन्होंने इस नेटवर्क का खुलासा किया।
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