Kargil Vijay Diwas: चंडीगढ़ डीएवी कालेज से निकले ये 13 शूरवीर, कैप्टन विक्रम बत्रा, मेजर संदीप सागर ने देश के लिए दिया बलिदान
Kargil Vijay Diwas 2022 आज कारगिल विजय दिवस है ऐसे में हम आपको डीएवी कालेज सेक्टर-10 से पढ़ाई कर देश सेवा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले उन शूरवीरों के बारे में बता रहे हैं जिनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर-10 स्थित डीएवी कालेज देश के लिए शूरवीर तैयार करने वाली खान है। क्योंकि डीएवी-10 से कई ऐसे सैन्य अफसर निकल चुके हैं जिन्होंने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश के अपने प्राणों का बलिदान दिया है।
आज कारगिल विजय दिवस है ऐसे में हम आपको डीएवी कालेज सेक्टर-10 से पढ़ाई कर देश सेवा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले उन शूरवीरों के बारे में बता रहे हैं जिनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
कारगिल हीरो परमवीर च्क्र विजेता शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा, महावीर चक्र विजेता मेजर संदीप सागर, महावीर चक्र विजता सेकेंड लेफ्टिनेंट राजीव संधू समेत 13 ऐसे कालेज के पूर्व छात्र हैं, जिन्होंने देश के लिए मौत को गले लगाया है। आज इन सभी शूरवीरों को डीएवी कालेज में श्रद्धाजंलि दी जाएगी।
शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा ने डीएवी कालेज से पढ़ाई की थी। डीएवी-10 कालेज के प्रिसिंपल पवन शर्मा ने बताया कि अकेले डीएवी कालेज से पढ़ाई कर निकले कई सैनिकों ने बलिदान दिया है। कालेज प्रबंधन ने इन्हीं वीरों के सम्मान में अपने एडमिन ब्लाक का नाम शौर्य भवन रखा है। इसी शौर्य भवन के अंदर खास तौर पर वाल आफ प्राइड बनाई है। जहां वीर सैनिकों की फोटो को सजाया गया है।
कालेज परिसर के बाहर है वार मेमोरियल
कालेज परिसर के बाहर ही वार मेमोरियल बनाया है। इसमें शेरशाह विक्रम बत्रा, मेजर संदीप सागर, राजीव संधू और मेजर विजयंत थापर के स्मृति चिह्न लगाए हैं। डीएवी कालेज देश का इकलौता कालेज होगा, जिसने अपने परिसर में वार मेमोरियल बनाया है। इन बलिदानी के प्रति छात्रों व कालेज स्टाफ की इतनी आस्था है कि वह जब भी वह सामने से गुजरते हैं तो इनके सम्मान में सिर झुकाकर आगे जाते हैं। इन वीरों के शौर्य, जज्बे और बलिदान की वीरगाथाओं से युवाओं को सेना में जाने की प्ररेणा मिलती है। इसलिए सेना व बलिदानियों से जुड़े हर कार्यक्रम को कालेज प्रबंधन की तरफ से बड़ी शान से मनाया जाता है।
बलिदानियों को देखकर युवा होते हैं प्रेरित
डीएवी -10 कालेज में फिजिकल एजुकेशन के प्रो.रविंद्र चौधरी बताते हैं कि विक्रम बत्रा दिल जीतने में माहिर थे। वह यूथ सर्विस क्लब के प्रेसिडेंट थे और मैं टीचर इंचार्ज था। विक्रम बहुत चुलबुले थे और वह बहुत जल्दी दूसरों को अपना बना लेते थे। देश सेवा का जज्बा उनमें तब भी दिखता था, हमें उनके शौर्य और बहादुरी पर गर्व है। युवा विक्रम बत्र जैसे वीरों को देखकर सेना में जाने के लिए प्रेरित होते हैं।
अगली पीढ़ी में भी सेना में जाने का जुनून
आर्मी विंग के एसोसिएट एनसीसी आफिसर लेफ्टिनेंट निखिलेश ठाकुर ने बताया कि कालेज में 160 कैडेट्स हैं, एयरफोर्स में 100 और नेवी में 50 हैं। एनसीसी के कुल 310 कैडेट्स हैं, जो सैन्य आफिसर बनना चाहते हैं। एनसीसी का सी सर्टिफिकेट होने पर कालेज के छात्र पुष्पेंद्र सिंह ने बतौर लेफ्टिनेंट सीधे सेना ज्वाइन की है।
फिल्म शेरशाह में देखी विक्रम बत्रा की बहादुरी
मणिपुर के नेपोलियन, रजीना और इनलेबी ने बताया कि उन्होंने विक्रम बत्र पर बनी फिल्म शेरशाह को देखकर उनके जीवन के बारे में जाना। वह खुद गौरवान्वित महसूस करते हैं कि वह बलिदानी व्रिकम बत्र के कालेज में पढ़ते हैं।
देश के लिए बलिदान देने वाले वाले डीएवी के पूर्व छात्र
- विक्रम बत्रा, परमवीर चक्र
- मेजर संदीप सागर, महावीर चक्र
- सेकेंड लेफ्टिनेंट राजीव संधू,महावीर चक्र
- कैप्टन विजंयत थापर, वीरचक्र
- स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ विशिष्ठ, वायुसेना मेडल
- लेफ्टिनेंट अनिल यादव, बलिदानी
- मेजर नवनीत वत्स, सेना मेडल
- कैप्टन रोहित कौशल,सेना मेडल
- कैप्टन अतुल शर्मा, बलिदानी
- बिग्रेडियर बलविंद्र सिंह शेरगिल, बलिदानी
- कैप्टन रिपुदमन सिंह, बलिदानी
- मेजर मलविंदर सिंह, बलिदानी
- फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुरसिमरत सिंह ढींढसा, बलिदानी।
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