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    'बर्दाश्त नहीं करेंगे, निजी बयान भी पब्लिक होता है', कंगना रनौत को लेकर भगवंत मान ने भाजपा को दी नसीहत

    भाजपा सांसद कंगना रनौत के बयान की विपक्षी नेताओं ने जमकर आलोचना की है। इस क्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कंगना के बयान को बेतुका बताया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दे हल करने के लिए चुना है न कि ऐसे निराधार बयान देने के लिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का निजी बयान भी सार्वजनिक ही होता है।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 28 Aug 2024 03:34 PM (IST)
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    Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (फाइल फोटो जागरण)

    एएनआई, चंडीगढ़।  किसानों के विरोध में भाजपा सांसद और अभिनेता कंगना रनौत के बयान से देश की सियासत में भूचाल आ गया है। उनके इस बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

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    भगवंत मान ने कहा कि जनता ने उन्हें (कंगना) मंडी निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को हल करने के लिए एक सांसद के रूप में चुना, न कि बेतुके और निराधार बयान देने के लिए जिससे समाज में अशांति पैदा हो।

    पंजाब मुख्यमंत्री ने कहा, यह एक गलत बयान है, एक सांसद को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे किसी को ठेस पहुंचे। बीजेपी का यह कहना कि यह कंगना का निजी बयान है। यह कहना गलत है। पार्टी को भी नियंत्रण रखना चाहिए।

    'सांसदों को नियंत्रित रखे भाजपा'

    भगवंत मान ने कहा कि अगर आप ऐसा करते हैं बेतुके बयान देते हैं तो स्वाभाविक रूप से गुस्सा आना तय है। इसलिए मैं भाजपा सरकार से कहना चाहूंगा कि वह अपने सांसदों को नियंत्रित करें। किसानों के विरोध के लिए हर तरह के बयान दिए जा रहे हैं यह असहनीय है।

    भगवंत मान ने कहा

    कंगना को मंडी हलके के लोगों ने उनकी समस्याओं का हल करने के लिए बुलाया था। ऐसे बेसलेस बयान देने के लिए नहीं। इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए जिससे किसी को हर्ट हो। भाजपा ने खुद पल्ला झाड़ लिया है। पंजाब के लोगों से प्यार से भले ही जान ले लो।

    लेकिन इस तरह के बेसलेस आरोप लगाएंगे तो गुस्सा आना जाहिर है। बाद में यह कहना कि यह निजी बयान है। यह कहना गलत है। निजी बयान भी पब्लिक का ही होता है। यह सब बर्दाश्त के काबिल नहीं है।

    कंगना ने क्या कहा था

    दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर कहा था कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो आंदोलन के समय बांग्लादेश जैसी स्थिति बन सकती थी।

    उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान औरतों से बलात्कार हो रहे थे और वहां लाशें लटक रही थीं। कंगना के इस बयान पर सियासी महकमे में भूचाल आ गया।

    इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने जमकर भाजपा को घेरा। वहीं भाजपा ने भी कंगना के बयान पर असहमति प्रकट की। पार्टी की ओर से कहा गया कि पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए उन्हें अनुमति नहीं है और न ही वह बयान देने के लिए अधिकृत हैं।

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