पांच साल में 12 खिलाड़ियों का मर्डर, कबड्डी पर छाया गैंगस्टरों का दबदबा, क्यों हो रहीं ये हत्याएं?
चंडीगढ़ में, कबड्डी खेल नहीं, गैंगस्टरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई बन गया है। 2020 से 12 खिलाड़ी और प्रमोटर मारे गए हैं। पुलिस के अनुसार, जग्गू भगवानपुर ...और पढ़ें

मोहाली में राणा बलाचौरिया की हत्या कर दी गई (जागरण फोटो)
रोहित कुमार, चंडीगढ़। प्रदेश में कबड्डी पिछले कुछ वर्षों से खेल नहीं, बल्कि गैंगस्टरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई बन चुकी है। वर्ष 2020 से अब तक कबड्डी से जुड़े 12 खिलाड़ियों और प्रमोटरों की हत्या हो चुकी है।
पुलिस के अनुसार, इन हत्याओं के पीछे एक ही क्राइम इकोसिस्टम काम कर रहा है, जिसमें जग्गू भगवानपुरिया गैंग, लक्की पटियाल, गोल्डी बराड़, लॉरेंस विश्नोई, कौशल गैंग और उनके सहयोगी शूटर शामिल हैं।
विदेशी फंडिग बनी हत्या की वजह
जांच एजेंसियों का मानना है कि इन हत्याओं का कारण कबड्डी टूर्नामेंट के नाम पर विदेश से हो रही फंडिंग के कारण मैचों पर कब्जा करना है। अब गैंगस्टर ही तय करते हैं कि कौन खिलाड़ी किस क्लब से खेलेगा।
इस खूनी सिलसिले की शुरुआत 2020 में कपूरथला में कबड्डी खिलाड़ी अरविंदरजीत सिंह पड्डा और जालंधर के शाहकोट में संदीप नंगल अंबिया की हत्या से हुई। शुरुआत में पुलिस ने इसे व्यक्तिगत रंजिश बताया, लेकिन बाद में वजह कबड्डी टूर्नामेंट की कमाई और खिलाड़ियों पर नियंत्रण निकला।
यहीं से कबड्डी में गैंग्स्टरों की खुली एंट्री मानी जाती है। हाल ही में चार नवंबर को लुधियाना में कबड्डी खिलाड़ी गुरविंदर सिंह की हत्या कर लारेंस गैंग ने जिम्मेदारी ली। अब कनाडा, यूके, अमेरिका तक के खिलाड़ियों में गैंग्स्टरों का खौफ बढ़ गया। बीते सोमवार को मोहाली में कबड्डी खिलाड़ी राणा बलाचौरिया की हत्या हो गई।
2020 से अब तक कबड्डी से जुड़ी प्रमुख हत्याएं
- मई 2020 : कपूरथला में अरविंदर जीत सिंह पड्डा
- अगस्त 2020 : बटाला (गुरदासपुर) में गुरमेज सिंह
- मार्च 2022 : जालंधर में संदीप सिंह नंगल अंबिया
- अप्रैल 2022 : पटियाला में धर्मेंद्र सिंह
- सितंबर 2023 : कपूरथला में हरदीप सिंह
- नवंबर 2024 : तरनतारन में सुखविंदर सिंह सोनी
- मई 2025 : पंचकूला में सोनू नोलटा
- अक्टूबर 2025 : लुधियाना में तेजपाल सिंह
- नवंबर 2025 : लुधियाना के समराला में गुरविंदर सिंह
- दिसंबर 2025 : मोहाली में राणा बलाचौरिया।
हर साल होता करोड़ों का निवेश
पंजाब समेत विदेश में हर साल होने वाले कबड्डी टूर्नामेंटों में करीब 35 से 50 करोड़ रुपये का निवेश होता है और फिर करोड़ों का सट्टा लगता है। पंजाब और कनाडा में आयोजित टूर्नामेंटों में कुख्यात गैंग्स्टर जग्गू भगवानपुरिया की भूमिका सामने आई है। वहीं, गोल्डी बराड़ और लारेंस बिश्नोई भी कबड्डी मैचों में निवेश से जुड़े हैं। गैंगस्टर अपने प्रभावशाली लोगों के जरिए नए कबड्डी क्लब बनवाते हैं या मौजूदा क्लबों में हिस्सेदारी लेते हैं। खिलाड़ियों पर दबाव डाला जाता है कि वे उन्हीं क्लबों की ओर से खेलें। इनकार करने पर खिलाड़ियों को आर्थिक नुकसान, करियर खत्म करने की धमकी दी जाती है। कनाडा में हर साल करीब 40 से अधिक कबड्डी टूर्नामेंट होते हैं, जिनमें बड़ी मात्रा में संगठित अपराध का पैसा लगाए जाने के आरोप हैं।

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