Jaswinder Bhalla Death: 'भल्ला का जाना मेरा व्यक्तिगत नुकसान, घर पहुंचे CM मान; कलाकारों-नेताओं ने जताया दुख
हास्य कलाकार जसविंदर भल्ला के निधन पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने भल्ला के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी और इसे कला साहित्य और सिनेमा के लिए बड़ी क्षति बताया। मान ने भल्ला को बहुमुखी व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि उनका निधन व्यक्तिगत क्षति है और उनके जैसे कलाकार पीढ़ियों में एक बार पैदा होते हैं।

जागरण संवाददाता, मोहाली। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाबी अभिनेता व हास्य कलाकार जसविंदर भल्ला के निधन पर शोक व्यक्त जताया है। मुख्यमंत्री सायं जसविंदर भल्ला के घर पहुंचे और परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी।
उन्होंने प्रसिद्ध कमेडियन के निधन को कला, साहित्य, संस्कृति व सिनेमा की दुनिया के लिए बड़ा नुकसान बताया। भावुक होते हुए भगवंत मान ने कहा कि यह उनके लिए बड़ा व्यक्तिगत नुकसान है और जसविंदर भल्ला के निधन से उत्पन्न हुए खालीपन को निकट भविष्य में भरना आसान नहीं होगा।
भल्ला को बहुमुखी व्यक्तित्व और धरती मां का सच्चा सपूत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने दुर्लभ व्यंग्य व हाजिरजवाबी से जमीनी स्तर पर आम लोगों को प्रभावित करने में बड़ा योगदान दिया।
मुझे आज भी याद है, 1989 में लुधियाना के एक कंपटीशन में मैं सात मिनट के लिए स्टेज पर उतरा था और वही मेरे लिए बड़ी उपलब्धि थी।
क्योंकि वहां जज के रूप में भल्ला जी मौजूद थे। उस कंपटीशन में भल्ला जी के सामने परफार्म करना ही मेरे लिए जीत के बराबर था। भल्ला जी से हमेशा प्रेरणा मिली। उन्हें डायबिटीज थी लेकिन मीठा बेहद पसंद था।
अक्सर सेट पर मेरे से मिठाई छुपकर खा लेते थे। भल्ला जी मेरे लिए बड़े भाई जैसे थे। अगर कभी मिलें तो मैं जरूर उनसे पूछूंगा कि वे हमें छोड़कर कहां चले गए थे। उनका जाना पंजाबी सिनेमा के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।
ऐसे कलाकार पीढ़ियों में एक बार पैदा होते हैं। यह हमारे लिए सबसे बड़ी त्रासदी है। वे प्रोफेसर रहे, बौद्धिक व्यक्तित्व थे और अपनी मेहनत से उन्होंने वह मुकाम हासिल किया, जिसका मैं खुद मुरीद रहा।
- गुरप्रीत सिंह, अभिनेता
भल्ला साहब के साथ बिताए पल मेरी जिंदगी के सबसे यादगार लम्हें हैं। उनके साथ काम करना हमेशा सीखने का अनुभव रहा। वे मेरे लिए पिता जैसे थे। पंजाबी फिल्मों के कई किस्से, कई मजाक और कहानियां उन्होंने ही गढ़ीं, क्योंकि उनका हास्य बेमिसाल था।
उनसे इंडस्ट्री का हर कलाकार प्रेरणा लेता था। उनका जाना पंजाबी फिल्म जगत का ऐसा नुकसान है, जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता।
- गिप्पी ग्रेवाल, गायक एवं अभिनेता
भल्ला साहब के निधन की खबर सुनकर मन बेहद दुखी है। वे जितने बड़े कलाकार थे, उससे भी महान इंसान थे। मैंने उन्हें करीब से देखा है, कभी छोटे कलाकारों को छोटा महसूस नहीं होने देते थे।
वे बेहद विनम्र और प्रोत्साहित करने वाले इंसान थे। मैं अक्सर अस्पताल जाकर उनसे मिलता था, मगर सोचा नहीं था कि वे इतनी जल्दी हमें छोड़ जाएंगे। लंबे समय तक इंडस्ट्री में शीर्ष पर बने रहना आसान नहीं, लेकिन उन्होंने यह कर दिखाया। उनकी कमी हमेशा खलेगी।
- करमजीत सिंह अनमोल, अभिनेता
भल्ला जी हमारी हर यात्रा की रूह होते थे। जब भी हम विदेश दौरों पर जाते, वे ठहाकों से माहौल रोशन कर देते। वे न केवल पर्दे पर बल्कि असल जिंदगी में भी हंसाने वाले इंसान थे।
उनसे आखिरी बार तीन महीने पहले मुलाकात हुई थी, तब वे स्वस्थ लग रहे थे। सोचा भी नहीं था कि वे इतनी जल्दी चले जाएंगे। जसविंदर भल्ला जैसे कलाकार की नकल कोई नहीं कर सकता। वे अनोखे थे और हमेशा रहेंगे।
- दीपक बाली, सलाहकार, पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग, पंजाब
छणकाटा जैसे प्रोग्रामों के जरिए भल्ला जी ने समाज की बुराइयों पर व्यंग्य किया और लोगों को सोचने पर मजबूर किया। वे मेरे लिए पिता समान थे। उनसे मैंने सकारात्मकता और मुस्कुराकर जीवन जीना सीखा।
पर्दे पर जो थे, वही वास्तविक जीवन में भी थे। वे हमेशा खुशमिजाज और लोगों को हंसाने वाले। सच कहूं तो इतनी छोटी उम्र में उनका जाना हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है। अच्छे लोगों को ऊपरवाला जल्दी बुला लेता है। वे हमेशा मेरे दिल में जिंदा रहेंगे।
- प्रीत हरपाल, गायक
भल्ला साहब का जन्म ही लोगों को हंसाने के लिए हुआ था। उनकी कामिक टाइमिंग और संवाद अद्भुत थे। 2023 में जब उन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया था, तभी उनसे आखिरी बार बात हुई थी। आज उनका यूं अचानक चले जाना भीतर तक तोड़ गया है।
सच्चाई यह है कि ‘कैरी आन जट्टा’ जैसी सुपरहिट फिल्में उनके बिना कभी संभव नहीं थीं। उन्होंने हमारी फिल्मों को अलग पहचान दी। उनका जाना हम सबके लिए व्यक्तिगत और पेशेवर, दोनों स्तर पर बहुत बड़ी क्षति है।
- नरेश कथूरिया, लेखक और अभिनेता
बहुत दुख है। भल्ला जी ने इंडस्ट्री में जो काम किया, वह बेमिसाल रहा है। मिस्टर-420 के दूसरे भाग में जब भल्ला जी नहीं थे, तब भी उनकी कमी महसूस हुई। उन्होंने पंजाबी सिनेमा को बहुत दिया है।
वे जब भी साथ रहते थे मुझे भरपूर सपोर्ट देते थे। कई बार एक्टिंग करते हुए मेरी परफॉर्मेंस डाउन होती थी और मैं निराश होता था लेकिन उस समय वह मेरे पास आते थे और मुझे सपोर्ट करते थे और साथ में एक्टिंग के गुर भी दिया करते थे।
- जस्सी गिल, गायक एवं अभिनेता
बहुत दुख है… मैं बयान भी नहीं कर सकता कि दिल में कितनी पीड़ा है। आखिरी बार जब मिले थे तो घर आने के लिए कहा था, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि ऐसे में घर आना होगा।
आज हर एक पंजाबी का दिल रो रहा है। उनमें ज्ञान की गहराई थी। बचपन से मैं रोज उनका छनकाटा देखा करता था। मेरे लिए वे पिता समान थे। आखिरी बार फ्लाइट में मुलाकात हुई थी… और अब सिर्फ यादें रह गई हैं।
- हैप्पी रायकोटी, गायक एवं लेखक
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