'पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज जारी करें', सुखबीर बादल ने PM मोदी से की मांग
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर पंजाब के लिए विशेष पैकेज की मांग की है। उन्होंने बाढ़ राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ और सेना की तैनाती बढ़ाने का आग्रह किया। बादल ने किसानों को आर्थिक सहायता और कर्ज माफी की भी मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में विफल रही है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पंजाब के लिए विशेष पैकेज जारी करने और राज्य में बाढ़ राहत कार्यों को सुचारू बनाने के लिए एनडीआरएफ और सेना के जवानों और उपकरणों की प्रतिनियुक्ति बढ़ाने के लिए एक पत्र भी लिखा है।
पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे गांव समेत बाढ़ प्रभावित जिलों का दस दिनों तक दौरा करने के उपरांत लिखे गए पत्र में बादल ने लिखा, लाखों एकड़ जमीन जलमग्न हो गई है और हजारों घरों के साथ साथ सड़क और बिजली के बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है।
बादल ने कहा कि किसानों को अपनी फसलों के नुकसान के अलावा अपने घरों और दुधारू पशुओं के नुकसान की भरपाई के लिए सीधे आर्थिक सहायता की जरूरत है। उन्होंने लंबे समय से बाढ़ के कारण पैदा होने वाली सेहत समस्याओं के समाधान के लिए भी एक विशेष केंद्रीय टीमों की प्रतिनियुक्ति की मांग की है।
अकाली दल अध्यक्ष ने अपने पत्र में इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किसानों को कर्जे वसूली से राहत की जरूरत है और कहा कि किसानों के कर्ज को माफ करना सबसे उचित मामला है।
सुखबीर बादल ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावितों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं रही और पंजाब में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों में काफी बड़ी खामियां हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘बाढ़ प्रभावितों को अंतरिम मुआवजा देने के अलावा उनके पुनर्वास के लिए इंतजाम करना भी एक मुद्दा है।’
अकाली दल अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से 40 सालों की अवधि के बाद आई इस बाढ़ को रोकने के उपाय करने हेतू एक विशेष पैकेज की घोषणा करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण, पिछले कई सालों से बाढ़ सुरक्षा कार्यों की अनदेखी की गई , जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
बादल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हजारों लोग या तो अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं या फिर बारिश के बीच आसमान के नीचे छतों पर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोग और उनके मवेशी आश्रय, भोजन, पानी और चारे के लिए जूझ रहे हैं और यह दर्द इस तथ्य से और बढ़ गया है कि राज्य की निर्वाचित सरकार ने उन्हें इस दुख भरे संकट का सामना करने के लिए भाग्य के सहारे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इसके ठीक विपरीत पंजाब के लोगों ने इस ‘मानव निर्मित’ त्रासदी के खिलाफ डटकर मुकाबला किया।
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