कहीं कैप्टन वाली गलती तो नहीं दोहरा रही मान सरकार! 22 साल पहले प्रकाश सिंह और सुखबीर बादल भी हुए थे अरेस्ट
पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा बिक्रम सिंह मजीठिया पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने के बाद शिरोमणि अकाली दल विरोध प्रदर्शन कर रही है। 25 जून को एफआईआर दर्ज होने के बाद से शिअद सक्रिय है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मान सरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह की गलती दोहरा रही है। सुखबीर बादल समेत कई अकाली नेताओं को हिरासत में लिया गया।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर आय से अधिक संपत्ति का पर्चा दर्ज करने पर शिअद ने अपना विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है।
साल 2017 से शिरोमणि अकाली दल लगातार राजनीतिक हाशिये पर चल रही थी। तीन कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद शिअद की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही थीं, लेकिन 25 जून को मजीठिया पर एफआइआर दर्ज होने के बाद से शिअद लगातार सक्रिय नजर आ रही है।
चर्चा शुरू हो गई है कि 2003 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने जो गलती की थी, वही गलती मान सरकार तो नहीं दोहरा रही है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल पर 2003 में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। बादल पिता-पुत्र की 2004 में गिरफ्तारी हुई और उन्हें जेल भेज दिया गया। दोनों की गिरफ्तारी तब हुई जब वे रोपड़ में पेशी के लिए जा रहे थे।
साल 2007 में अकाली दल की हुई थी वापसी
इस दौरान पुलिस की अकालियों के साथ झड़प हुई। जिसमें कई अकाली नेता घायल हो गए थे। इस घटना के बाद से ही शिरोमणि अकाली दल में जान आ गई और अकाली एकजुट होने लगे। कैप्टन अकाली दल की एकजुटता को भांप नहीं पाए जिसके कारण 2007 में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने पुन: सत्ता में वापसी की। कमोवेश वही स्थिति वर्तमान में ही बनती जा रही है।
मजीठिया की 25 जून को गिरफ्तारी के बाद से ही आप के मंत्री लगातार यह कह रहे हैं कि गिरफ्तारी ड्रग्स मामले में हुई जबकि विजिलेंस ने पर्चा आय से अधिक संपत्ति का दर्ज किया। बुधवार को मजीठिया की पेशी से पहले पुलिस ने सुखबीर बादल समेत अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया।
यही नहीं पुलिस ने सुबह से ही राज्य के कोने-कोने से अकाली नेताओं को नजरबंद कर दिया था। पुलिस की इस कार्रवाई से वर्षों से निराश होकर घर में बैठा अकाली कार्यकर्ता भी बाहर आने लगा है। सुखबीर 15 जुलाई को आप सरकार की लैंड पूलिंग नीति का भी लुधियाना में विरोध करेंगे।
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