45 लाख की रिश्वत लेने के आरोपी आईआरएस अधिकारी को मिली जमानत, हाईकोर्ट ने क्या कहा?
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 45 लाख की रिश्वत के आरोप में आईआरएस अधिकारी और सह-आरोपी को जमानत दी। शिकायतकर्ता से आयकर नोटिस निपटाने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है। अदालत ने मुकदमे में देरी और जांच पूरी होने के बाद अनिश्चितकाल तक हिरासत को अनुचित माना। आरोपी दो महीने से न्यायिक हिरासत में है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोपित भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी व उसके सह-आरोपित को नियमित जमानत प्रदान कर दी है। आरोप है कि दोनों ने शिकायतकर्ता को जारी आयकर नोटिस का निपटारा करने के लिए अवैध धन की मांग की थी।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा कि याचिकाकर्ता को एक जून 2025 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जांच पूरी हो चुकी है और 30 जुलाई 2025 को सीबीआई ने आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है।
अदालत ने उल्लेख किया कि अभियोजन पक्ष ने कुल 19 गवाहों को सूचीबद्ध किया है पर अब तक किसी भी गवाह से पूछताछ शुरू नहीं हुई। ऐसे में मुकदमे की सुनवाई लंबी खिंचने की संभावना है और जांच पूरी हो जाने के बाद आरोपित को अनिश्चितकाल तक जेल में रखना उचित नहीं होगा।
यह देखते हुए कि आरोपी दो महीने से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में है तथा किसी अन्य एफआईआर में नामजद नहीं है, अदालत ने जमानत याचिका स्वीकार कर ली।
सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, आईआरएस अधिकारी डॉ. अमित कुमार सिंगला व हर्ष कोटला ने शिकायतकर्ता से आयकर नोटिस तथा अन्य संबंधित मामलों को निपटाने के लिए 45 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
आरोप यह भी है कि मुख्य आरोपित सिंगला ने शिकायतकर्ता पर दबाव बनाने के लिए संबंधित कर निर्धारण अधिकारियों से संपर्क साधा जिससे उनके अधिकारों का दुरुपयोग साबित होता है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।