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    IPS पूरन कुमार सुसाइड केस में चंडीगढ़ पुलिस की जांच के दायरे में आए रोहतक के पूर्व SP नरेंद्र बिजराणिया और शराब कारोबारी, जल्द किए जाएंगे तलब

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 07:04 PM (IST)

    चंडीगढ़ पुलिस वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले की जांच तेज़ी से कर रही है। जांच के दायरे में रोहतक के एसपी रहे नरेंद्र बिजराणिया और शराब कारोबारी प्रवीण बंसल भी हैं। एसआईटी दोनों से पूछताछ करेगी। जांच में सामने आया कि आत्महत्या का कारण गनमैन सुशील कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर का दबाव हो सकता है। परिवार ने एफआईआर को झूठा बताया है। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

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    आईपीएस पूरन कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने जांच की गति तेज कर दी है।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले में चंडीगढ़ पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने जांच की गति तेज कर दी है। जांच के दायरे में अब रोहतक के एसपी रहे नरेंद्र बिजराणिया और शराब कारोबारी प्रवीण बंसल भी आ गए हैं। एसआईटी दोनों को नोटिस जारी कर पूछताछ की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार एसआईटी अब तक केस से जुड़े कई अधिकारियों, गवाहों और निजी व्यक्तियों के बयान दर्ज कर चुकी है। हालांकि अब तक जांच में कई ऐसे बिंदु सामने आए हैं जो पूरे घटनाक्रम की जड़ तक पहुंचने के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं।

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    एसआईटी की प्राथमिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि वाइ पूरन कुमार की आत्महत्या के पीछे उनके गनमैन सुशील कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर का दबाव एक बड़ा कारण हो सकता है। यह एफआईआर रोहतक में शराब कारोबारी प्रवीण बंसल की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि सुशील कुमार उससे हर महीने दो से ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था, और धमकियां देता था।

    शिकायत में यह भी कहा गया था कि गनमैन ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। इसी मामले में कार्रवाई करते हुए राेहतक पुलिस ने सुशील कुमार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सुशील ने वाई पूरन कुमार का नाम भी सामने लाया था। यही बिंदु अब इस आत्महत्या केस की जांच में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।

    राेहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजराणिया के बयान होंगे अहम

    उस समय रोहतक के एसपी रहे नरेंद्र बिजराणिया ने भी यह बयान दिया था कि सुशील कुमार ने शराब कारोबारी से हर महीने रिश्वत की मांग की थी। अब एसआइटी यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या उस समय दर्ज की गई एफआईआर और कार्रवाई सिर्फ शिकायत के आधार पर की गई थी या किसी उच्च स्तर के दबाव में। एसआईटी के अधिकारी मान रहे हैं कि बिजराणिया और प्रवीण बंसल के बयान मामले की सच्चाई उजागर करने में निर्णायक साबित हो सकते हैं।

    एसआईटी गंभीरता से कर रही जांच

    आईपीएस वाई पूरन कुमार के परिवार ने पहले दिन से ही आरोप लगाया है कि रोहतक में दर्ज एफआईआर पूरी तरह झूठी और मनगढ़ंत थी। परिवार का कहना है कि वाइ पूरन कुमार को झूठे आरोपों में फंसाया गया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि एसआईटी अब इस केस की सभी कड़ियों को जोड़ते हुए पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए हर पहलु पर गहराई से जांच कर रही है। टीम ने तकनीकी साक्ष्य, काल डिटेल्स और दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच भी शुरू कर दी है।