IPS पूरन कुमार के 'नोट' को लेकर उलझन में जांच टीम, किस बात का सता रहा डर? लैपटॉप से खुलेगी सुसाइड मिस्ट्री
हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत की जांच में लैपटॉप एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। परिवार द्वारा लैपटॉप न सौंपे जाने से पुलिस जांच में बाधा आ रही है, क्योंकि सुसाइड नोट की प्रामाणिकता और मौत के कारणों का पता लगाने के लिए लैपटॉप की जांच जरूरी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी एक अहम सबूत होगी।

IPS पूरन कुमार सुसाइड मामले में लैपटॉप महत्वपूर्ण साक्ष्य (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत की जांच के बीच एक रुकावट आन खड़ी हुई है। साक्ष्यों की पड़ताल और आगे की जांच के लिए इस समय पूरन कुमार का लैपटॉप बहुत जरूरी है। लेकिन परिवार ने अभी तक इसे पुलिस को सौंपा नहीं है।
पूरन कुमार ने इसी लैपटॉप के जरिए कथित तौर पर अपना 'सुसाइड' नोट टाइप किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुसाइड नोट की प्रामाणिकता के लिए और उनकी मौत के कारणों को समझने के लिए लैपटॉप की जांच आवश्यक है। इसमें अधिकारी के फिंगरप्रिंट और अधिकारी क ईमेल एकाउंट और अन्य जरूरी दस्तावेज भी हैं।
जांच के लिए पोस्टमार्टम जरूरी
जांचकर्ताओं ने कहा कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए पहले आधिकारिक तौर पर पोस्टमार्टम किया जाना जरूरी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह निर्णायक रूप से तय किया जा सकेगा कि मामला वास्तव में आत्महत्या का है या इसमें अन्य कारक शामिल हैं। जब पुलिस अदालत में मामला पेश करेगी तो यह रिपोर्ट एक अहम सबूत के तौर पर भी काम करेगी।
फोरेंसिक जांच के लिए लैपटॉप जरूरी
कुमार के ईमेल रिसीवर और उन्हें भेजे जाने के संदर्भ की पहचान करने के लिए लैपटॉप को जरूरी माना जा रहा है। लैपटॉप मिलने के बाद, फोरेंसिक विशेषज्ञ इस पर मौजूद फिंगरप्रिंट की जांच करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि टाइप किया गया सुसाइड नोट वास्तव में वाई पूरन कुमार ने ही लिखा था या नहीं।
हालांकि, चूंकि परिवार ने अभी तक चंडीगढ़ पुलिस को लैपटॉप नहीं सौंपा है, इसलिए चिंता बनी हुई है कि इसमें मौजूद आवश्यक डिजिटल सबूत खो सकते हैं या उनसे छेड़छाड़ की जा सकती है। पुलिस अधिकारियों ने दोहराया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बिना जांच आगे नहीं बढ़ सकती।
(समाचार एजेंसी एएनआई के साथ)
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