IPS पूरन कुमार सुसाइड केस : महापंचायत में राजकुमार सैनी के महर्षि वाल्मीकि को ब्राह्मण कहने पर माहौल गरमाया, शांत होने पर सरकार को दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम
चंडीगढ़ में आयोजित एक महापंचायत में आईपीएस पूरन कुमार की मृत्यु को आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए शहादत बताया गया। प्रदर्शनकारियों ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को गिरफ्तार करने की मांग की, उन्हें आईपीएस पूरन कुमार की मौत का जिम्मेदार ठहराया। पूर्व सांसद राजकुमार सैनी के बयान पर महापंचायत में कुछ देर के लिए माहौल गरमाया। माहौल शांत होने पर हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया।

चंडीगढ़ के सेक्टर-20 स्थित गुरुद्वारे में चल रही महापंचायत।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के आत्महत्या के मामले में रविवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 20 स्थित गुरु रविदास गुरुद्वारे में महापंचायत हुई। इस दौरान आईपीएस पूरन कुमार को शहीद का दर्जा दिलाने और हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर की गिरफ्तारी की मांग उठाई। महापंचायत में पूर्व सांसद और लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रमुख राजकुमार सैनी के बयान पर कुछ देर के लिए माहौल बिगड़ गया।
सैनी ने महर्षि वाल्मीकि को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि को ब्राह्मण कह दिया तो लोग भड़क गए। गुस्साए लोगों ने मंच से सैनी को नीचे बुलाने की मांग की। संगठन के लोगों ने तुरंत उनका माइक बंद करा दिया गया। हालांकि,माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया था। इसके बाद फिर से शांत माहौल में महापंचायत में आए लोगों ने अपनी- अपनी बात रखी।
महापंचायत में आए लोगों ने कहा कि आईपीएस पूरन कुमार ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि शहादत दी है। उनके परिवार को जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक हर संघर्ष में साथ दिया जाएगा। चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार को 48 घंटे का वक्त दिया। एलान किया गया कि शत्रुजीत कपूर को 48 घंटे के अंदर हरियाणा डीजीपी के पद से नहीं हटाया गया तो हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन में कार्यरत वाल्मीकि समाज के करीब पांच लाख कर्मचारी सरकारी काम छोड़ देंगे। महापंचायत में लिए फैसलों पर चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया को मेमोरेंडम सौंपने जा रहे लोगों को पुलिस ने रोक लिया। इस पर मामूली बहस भी हुई।
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