सुसाइड से पहले IPS पूरन कुमार ने DGP को किया था कॉल, SIT की जांच में नया खुलासा, दो लोगों को भेजा था मेल?
हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में SIT जांच कर रही है। पूरन कुमार के लैपटॉप, मोबाइल और हार्ड डिस्क को CFSL भेजा गया है ताकि सुसाइड नोट की जांच हो सके। जांच में सामने आया कि उन्होंने आत्महत्या से पहले DGP को कॉल किया था और सुसाइड नोट दो लोगों को ईमेल किया था। SIT यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या अधिकारी किसी दबाव में थे।
-1761193290609.webp)
डीजीपी शत्रुजीत कपूर और दिवंगत आईपीएस पूरन कुमार (दाएं)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले में विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने जांच की रफ्तार बढ़ा दी है। मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने पूरन कुमार के लैपटॉप, मोबाइल और हार्ड डिस्क को सीएफएसएल (सेंट्रल फारेंसिक साइंस लेबोरेटरी) भेजा है। जांच में सामने आया कि पूरन कुमार ने सुसाइड से पहले डीजीपी को कॉल किया था।
फारेंसिक टीम यह जांच करेगी कि क्या अधिकारी ने आत्महत्या से पहले कोई सुसाइड नोट तैयार कर ईमेल किया था या फिर वह केवल अपने पास ही सेव और प्रिंट किया गया दस्तावेज था।
सूत्रों के मुताबिक पूरन कुमार ने अपना सुसाइड नोट लैपटाप पर टाइप किया था, जो बाद में प्रिंट लेकर कमरे में बरामद हुआ। हालांकि, चर्चा यह भी है कि उन्होंने यह नोट आत्महत्या से पहले दो लोगों को ई-मेल के माध्यम से भेजा था।
कई डिजिटल उपकरण किए गए जब्त
अगर यह बात फारेंसिक जांच में साबित होती है, तो मामला गंभीर मोड़ ले सकता है। क्योंकि इससे यह तय होगा कि पूरन कुमार किनसे संपर्क में थे और उन्होंने किन पर भरोसा जताया था। एसआईटी ने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए कोट से अनुमति लेकर डिजिटल उपकरण जब्त किए थे।
सीएफएसएल रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट हो सकेगा कि नोट कब लिखा गया और क्या उसमें किसी प्रकार का एडिट या डिलीट ऑपरेशन हुआ था। जांच को आगे बढ़ाने के लिए एसआईटी की एक टीम को हरियाणा के रोहतक भेजने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि वहां दर्ज एफआइआर और उससे जुड़े कुछ लोगों से चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में बयान दर्ज किए गए हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों को भी किया था फोन
पूरन कुमार ने डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया को भी कॉल किया था, लेकिन दोनों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। एसआईटी इस बात की जांच कर रही है कि क्या अधिकारी मानसिक या पेशेवर दबाव में थे और क्या इन परिस्थितियों में कोई व्यक्ति या घटना आत्महत्या की वजह बनी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।