Punjab New DGP: आइपीएस गौरव यादव ने संभाला पंजाब के डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार
पंजाब के डीजीपी वीके भावरा के दो महीने के अवकाश पर चले जाने के बाद राज्य सरकार ने आइपीएस गौरव यादव को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया है। भावरा ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा जताई है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने आइपीएस गौरव यादव को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया है। गौरव यादव को डीजीपी वीके भावरा के दो महीने छुट्टी पर जाने के कारण अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। आइपीएस गौरव यादव ने डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया है।
बता दें, वीके भावरा ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा जताई है। इसके लिए उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार को पत्र भी लिखा है। इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार से दो माह की छुट्टी मांगी। राज्य सरकार ने उनकी छुट्टी मंजूर कर दी।
Sh. Gaurav Yadav, IPS assumes additional charge as Director General of Police Punjab - Head of Police Force (HoPF) pic.twitter.com/b3a0ku1YbI
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) July 5, 2022
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के रहने वाले गौरव यादव 1992 बैच के आइपीएस अफसर हैं। भगवंत मान ने सीएम की कुर्सी संभालने के बाद उन्हें अपनी विशेष प्रधान सचिव नियुक्त किया था। यादव पंजाब पुलिस में अलग-अलग पदों पर रह चुके है।
भगवंत मान के विशेष प्रधान सचिव नियुक्त होने से पहले गौरव यादव कई अहम पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वह राज्य में पुलिस माडर्नाइजेशन का जिम्मा भी संभाल चुके हैं। उन्हें ईमानदार अफसर माना जाता है। आइपीएस गौरव यादव के पिता भगवती प्रसाद यादव सेवानिवृत्त कर्नल हैं। वह अभी लखनऊ में रहते हैं।
पंजाब को गौरव यादव को 11 महीने में चौथे डीजीपी मिले हैं। पूर्व चन्नी सरकार में इकबाल प्रीत सहोता को भी कार्यकारी डीजीपी लगाया गया था। गौरव यादव का पंजाब से पुराना नाता है। वह पूर्व डीजीपी पीएस डोगरा के दामाद हैं। गौरव यादव राज्य पुलिस में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके है।
शिअद-भाजपा सरकार में गौरव यादव महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके है। 2014 में आंतकी जगतार सिंह तारा को पकड़ने के लिए चले अभियान को गौरव यादव ने लीड किया था। 2016 में वह इंटेलिजेंस विंग के प्रमुख थे। ध्यान रहे कि डीजीपी वीके भावरा दो महीने की छुट्टी पर चले गए हैं। गृह विभाग को लिखे पत्र में भावरा ने छुट्टी लेने का कारण निजी कारण बताया है।
बताया जाता है कि राज्य में अमन कानून की स्थिति जिस प्रकार से बिगड़ रही है उससे सरकार डीजीपी भावरा के कामकाज से खुश नहीं है। काबिलेगौर है कि डीजीपी ने केंद्र में डेपुटेशन पर जाने की इच्छा जताई है। भावरा ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय व राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद राज्य सरकार भी भावरा ने नाराज चल रही थी। आप के सत्ता में आने के बाद कानून और व्यवस्था को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेर रखा है। मूसेवाला की हत्या का असर संगरूर चुनाव नतीजे पर भी देखने को मिला है।
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में दिनकर गुप्ता डीजीपी थे, लेकिन उनके पद छोड़ने के बाद गुप्ता को पद से हटा दिया गया। सत्ता में चन्नी सरकार के आने के बाद इकबाल प्रीत सिंह सहोता को कार्यकारी डीजीपी बनाया गया।
इकबाल प्रीत सहोता के खिलाफ पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मोर्चा खोल दिया। जिसके बाद अंतिम समय में सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डीजीपी की कमान सौंपी गई। इस के बाद चन्नी सरकार की ओर से यूपीएससी को पैनल भेजा। पैनल से नाम आने के बाद इसी साल बीते जनवरी में भावरा को डीजीपी लगाया गया।
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