पंजाब में नहीं अटकेगी मामलों की जांच, डाॅक्टरों को 48 घंटे में देनी होगी मेडिकल लीगल रिपोर्ट
पंजाब में आपराधिक मामलों की जांच में तेज़ी लाने के लिए स्वास्थ्य और पुलिस विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। सरकारी डॉक्टरों को अब मेडिकल लीगल रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर पुलिस को देनी होगी। मेडिकल रिपोर्ट में देरी से जांच अटक जाती थी। डॉक्टर एसओपी को लेकर चिंतित हैं लेकिन सरकार ने उनकी चिंताओं को दूर करने का आश्वासन दिया है।

रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब में आपराधिक मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए स्वास्थ्य व पुलिस विभाग की ओर से नया कदम उठाने की तैयारी की गई है। अब सभी सरकारी डाॅक्टरों को एक्स-रे, सीटी स्कैन और अन्य डायग्नोस्टिक मेडिकल लीगल रिपोर्ट (एमएलआर) मामले की जांच कर रहे पुलिस जांच अधिकारियों को 48 घंटे के भीतर सौंपनी होंगी।
मेडिकल रिपोर्ट देरी से मिलने व जमा होने की वजह से कई मामलों की जांच अटक जाती थी। नए निर्देश अदालत के आदेशों के बाद लागू किए जा रहे हैं। उधर नए निर्देशों को लागू करने से पहले ही डाक्टरों ने इस मामले को राज्य सरकार के समक्ष उठाया है।
पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (पीसीएमएसए) के अध्यक्ष डाॅ. अखिल सरीन ने बताया कि इस फैसले के बाद एक दस सदस्यीय समिति बनाई गई है। सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि जो स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिडिंग (एसओपी) बनाए जाएंगे वह डाॅक्टरों की स्थिति को ध्यान में रखकर बनाए जाएंगे।
एसओपी डाॅक्टरों के अनुकूल नहीं बने तो जाएंगे अदालत
इसके लिए एक साॅफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। डाॅ. सरीन ने कहा कि अगर एसओपी डाॅक्टरों के अनुकूल नहीं बनते तो फिर अदालत रुख किया जाएगा। लेकिन अभी तक एसओपी डाॅक्टरों के अनूकुल बनाने की बात कहीं जा रही है।
उधर अदालतों में मेडिकल रिपोर्ट देरी से सबमिट होने के कारण मामले लटकने के मामले में डीजीपी गौरव यादव ने सभी जिलों के एसएसपी व सीपी को कहा कि जो भी मामलों के जांच अधिकारी है वे निर्धारित समय सीमा में डाक्टरों से रिपोर्टर्स हासिल करें।
देर होने पर इसे गंभीर लापरवाही माना जाएगा। क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट देरी से मिलने के कारण मामले में आरोपित इस का फायदा उठाते है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव कुमार राहुल ने कहा कि एसओपी तैयार की जा रही है ताकि नए आदेश का पालन सुनिश्चित हो सके।

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