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    इंटरनेशनल थैलेसीमिया डेः चंडीगढ़ का चैरिटेबल ट्रस्ट 36 साल से कर रहा थैलेसेमिक मरीजों की मदद

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Mon, 10 May 2021 11:15 AM (IST)

    इंटरनेशनल थैलेसीमिया डे (International Thalassemia Day) के अवसर पर थैलेसेमिक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से थैलेसीमिया के मरीजों के लिए किए जा रहे प्रयास सर ...और पढ़ें

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    इंटरनेशनल थैलेसीमिया डे के मौके पर मौजूद पीजीआइ चंडीगढ़ की डॉक्टरों की टीम।

    चंडीगढ़, जेएनएन। इंटरनेशनल थैलेसीमिया डे (International Thalassemia Day) के अवसर पर थैलेसेमिक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से थैलेसीमिया के मरीजों के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। यह ट्रस्ट पिछले 36 सालों से थैलेसीमिया के मरीजों को निरंतर इलाज मुहैया करवा रहा है। वर्ष 1985 में इस ट्रस्ट को थैलेसीमिया के मरीजों के इलाज के लिए बनाया गया था। ताकि ऐसे मरीजों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। ट्रस्ट की ओर से 450 थैलेसीमिया मरीजों को निशुल्क इलाज और दवाइयों जैसी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

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    ट्रस्ट के मेंबर सेक्रेटरी राजेंद्र कालरा ने बताया कि कोरोना काल में भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मरीजों का खास ख्याल रखा। थैलेसीमिया के मरीजों को हर 15 से 20 दिन के बाद ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है ऐसे में जब कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन और कर्फ्यू जैसी स्थिति थी उस दौरान वे ट्रस्ट की ओर से पीजीआइ चंडीगढ़ और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सेक्टर 32 के सहयोग से रक्तदान शिविर आयोजित कर ऐसे मरीजों के ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत को पूरा किया गया। जून 2020 से लेकर अब तक 30 रक्तदान शिविर आयोजित किए गए हैं।

    एएसआइ ने 126वी बार किया रक्तदान

    इस मौके पर ट्रस्ट की ओर से 215वां रक्तदान शिविर पीजीआइ में आयोजित किया गया। इसमें 173 ब्लड यूनिट इकट्ठा किए गए। वहीं चंडीगढ़ पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राकेश कुमार रसीला ने शिविर में 126वीं बार रक्तदान किया। ताकि इस ब्लड यूनिट का थैलेसीमिया के मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सके। ट्रस्ट के मेंबर सेक्रेटरी राजेंद्र कालरा की मानें तो उनके साथी इस नेक कार्य रक्तदान के लिए ट्राइसिटी से करीब 2500 सौ से ज्यादा लोग जुड़े हैं।

    पीजीआइ ट्रस्ट को कई बार कर चुका है सम्मानित

    पीजीआइ के निदेशक प्रोफेसर जगतराम ने बताया कि थैलेसेमिक चैरिटेबल ट्रस्ट को उनके नेक कार्य के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है। ट्रस्ट की ओर से पीजीआइ और जीएमसीएच 32 में ऐसे मरीजों के लिए डे केयर सेंटर भी संचालित किए जा रहे हैं।