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    इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी हत्याकांड: मुख्य आरोपी को भगाने में मदद करने वाले रंजीत सिंह की अग्रिम जमानत खारिज

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 05:42 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कंचन कुमारी हत्याकांड में रंजीत सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिस पर मुख्य आरोपी को भगाने में मदद करने का आरो ...और पढ़ें

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    कंचन कुमारी मर्डर केस: मुख्य आरोपी को भगाने वाले रंजीत सिंह की जमानत याचिका खारिज। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने लुधियाना की इंटरनेट मीडिया इन्फ्लुएंसर कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर भाभी की रहस्यमयी मौत और कथित हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को फरार कराने में मदद के आरोप झेल रहे रंजीत सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।

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    जस्टिस सुमित गोयल ने अपने विस्तृत आदेश में स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता पर लगाए गए आरोप न तो सामान्य हैं और न ही अस्पष्ट, बल्कि ठोस और विशिष्ट भूमिका दर्शाते हैं, जिन्हें जांच के इस प्रारंभिक चरण में किसी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती।

    अदालत ने कहा कि अग्रिम जमानत पर विचार करते समय व्यक्ति के अधिकारों और समाज के हितों के संतुलन को ध्यान में रखना आवश्यक है। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि अदालत को अपराध की प्रकृति और गंभीरता, आरोपी की भूमिका तथा निष्पक्ष जांच की आवश्यकता को ध्यान में रखना चाहिए।

    इस स्तर पर ऐसा कोई सामग्री रिकॉर्ड पर नहीं है, जिससे यह कहा जा सके कि याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता। ऐसे में उसे अग्रिम जमानत देना प्रभावी जांच में बाधा डालेगा। 27 वर्षीय कंचन कुमारी का शव 11 जून को बठिंडा में एक कार से बरामद हुआ था। शुरुआत में एफआईआर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज हुई थी।बाद में बयान बदलकर शिकायतकर्ता ने जसप्रीत सिंह, निर्मलजीत सिंह और अमृतपाल सिंह मेहरू के नाम लिए।

    पुलिस ने 13 जून को जसप्रीत और निर्मलजीत को गिरफ्तार कर लिया। इन्हीं सह-आरोपियों के खुलासों में रंजीत सिंह का नाम सामने आया, जिस पर आरोप है कि उसने मुख्य आरोपी अमृतपाल सिंह को घटना के तुरंत बाद अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचाया ताकि वह देश से भाग सके।

    रंजीत सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि उसका नाम एफआईआर में नहीं है और उसे झूठा फंसाया गया है। उसका कहना था कि हत्या से संबंधित कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य उसके खिलाफ नहीं है और सह-आरोपियों के खुलासों के आधार पर ही उसका नाम शामिल किया गया है।

    अदालत ने यह भी माना कि फरार मुख्य आरोपी की तलाश अभी जारी है और रंजीत सिंह की हिरासत में पूछताछ, निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए रंजीत सिंह अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है, और उसकी याचिका खारिज कर दी।