BJP-कांग्रेस के खिलाफ थर्ड फ्रंट नहीं बनाएगी इनेलो, पुराने साथियों को जोड़ने की तैयारी में अभय चौटाला?
इनेलो अध्यक्ष अभय चौटाला ने भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयासों को रोक दिया है। वे अब ताऊ देवीलाल की जयंती पर पुराने साथियों को इनेलो में वापस लाने की तैयारी कर रहे हैं। रोहतक में होने वाले इस समारोह में अभय चौटाला सिर्फ सुखबीर बादल को बुलाएंगे।

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने भाजपा व कांग्रेस के विरुद्ध तीसरा मोर्चा बनाने के अपने कई साल पुराने प्रयासों को विराम दे दिया है।
अभय चौटाला अब न केवल स्वयं की नई राजनीतिक लाइन खींच रहे हैं, बल्कि किसी भी कारण से समय-समय पर इनेलो से अलग हुए अपने पुराने साथियों की घर वापसी कराने में लगे हैं।
इसके लिए अभय चौटाला ने अपने दादा पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल की 112वीं जयंती पर रोहतक में होने वाले सम्मान समारोह को चुना है। इस दिन चौटाला अपनी पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं और कई नेताओं की घर वापसी कराने वाले हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जब तक जीवित थे, तब तक चौटाला और अभय सिंह स्व. देवीलाल के सम्मान दिवस समारोह में उनके सभी पुराने साथियों को बुलाया करते थे।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, वीपी सिंह, एचडी देवगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शरद कुमार, स. प्रकाश सिंह बादल, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, चंद्रबाबू नायडू, सीताराम येचुरी, डा. केसी त्यागी, फार्रुख अब्दुल्ला, चंद्रशेखर राव, उमर उब्दुल्ला, अखिलेश यादव, सुखबीर बादल और जयंती चौधरी अलग-अलग बार ताऊ देवीलाल की जयंती पर होने वाली रैलियों में ओमप्रकाश चौटाला व अभय सिंह चौटाला का मंच साझा कर चुके हैं। इनमें कई नेता दिवंगत हो गए तो कई एनडीए और इंडी गठबंधन का हिस्सा बन चुके हैं।
पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिनके साथ अभय चौटाला की यारी बरकरार है।
संभावना है कि रोहतक में 25 सितंबर को होने वाले ताऊ देवीलाल के जयंती समारोह में अभय चौटाला सिर्फ सुखबीर बादल को ही बुलाने वाले हैं।
बाकी किसी भी दल के नेता को ताऊ देवीलाल के जयंती समारोह का निमंत्रण भेजने की अभय सिंह की कोई योजना नजर नहीं आ रही है।
इसके पीछे अभय सिंह की सोच है कि जो लोग भाजपा के साथ मिलकर एनडीए और कांग्रेस के साथ मिलकर इंडी गठबंधन का हिस्सा बन चुके हैं, वह तीसरे मोर्चे की नींव को मजबूत नहीं कर सकते। इसलिए ऐसे लोगों को अपने मंच पर बुलाने से बेहतर है कि इनेलो स्वयं की नई लाइन खींचे और राजनीति में आगे बढ़े।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. ओमप्रकाश चौटाला पगड़ी बदल भाई थे। दोनों का देहावसान हो चुका है।
उनके निधन के बाद अभय सिंह और सुखबीर बादल कई बार राजनीति के मंचों पर और पारिवारिक कार्यक्रमों में एकसाथ देखे गए हैं।
दोनों पारिवारिक मित्रों का यह राजनीतिक रिश्ता आगे भी परवान चढ़ने की पूरी संभावना है। स्व. ओमप्रकाश चौटाला के देहावसान के बाद इनेलो अध्यक्ष के नाते अभय चौटाला पहली बार अपने दादा स्व. देवीलाल की जयंती पर राज्य स्तरीय रैली करने जा रहे हैं।
इसके लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव वाले रोहतक का चयन किया है। अभय सिंह अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा के साथ पूरे राज्य के दौरे पर निकले हुए हैं।
उनके सभी 90 हलकों के दौरे आठ सितंबर को पूरे हो जाएंगे, जिसके बाद रोहतक जिले के आसपास के तीन दर्जन विधानसभा क्षेत्रों पर अभय चौटाला का पूरा फोकस रहेगा।
रोहतक रैली में अभय सिंह की योजना अपने पुराने साथियों को घर वापस लाने की है। विधानसभा स्तरीय दौरों के दौरान चौटाला ऐसे सभी पुराने कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क साध रहे हैं, उनके घर जा रहे हैं, कहीं चाय पी रहे हैं तो कहीं भोजन कर रहे हैं। किसी भी कारण से घर छोड़कर गए इन नेताओं व कार्यकर्ताओं को वापस लाने की उनकी पूरी कोशिश है। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि इनेलो से अलग होकर साढ़े चार साल तक भाजपा के साथ राज करने वाले उनके भाई अजय सिंह चौटाला व भतीजे दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी और इनेलो क्या कभी एक हो सकते हैं, इसका सवाल अभय चौटाला के पास सिर्फ और सिर्फ कभी नहीं में है। इस रैली में कई पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों के इनेलो में वापस आने की पूरी संभावना है।
इंडियन नेशनल लोकदल ने 25 सितंबर को होने वाले ताऊ देवीलाल के जयंती समारोह के लिए रोहतक जिले के आसपास के तीन दर्जन विधानसभा क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया है।
इसके लिए पार्टी के प्रमुख नेताओं को हलका प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनेलो के महासचिव प्रकाश भारती को बरौदा व गन्नौर, महिला सेल की प्रभारी सुनैना चौटाला व ओमप्रकाश गोयल को राई, खरखौदा, गोहाना व सोनीपत की जिम्मेदारी दी गई।
डबवाली के विधायक आदित्य देवीलाल व रानियां के विधायक अर्जुन चौटाला बेरी, बादली व झज्जर तथा पूर्व विधायक बलवंत मायना रोहतक के चारों विधानसभा क्षेत्रों में कमाल संभालेंगे।
इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा को जींद, उचाना, कलायत, नरवाना और पूर्व विधायक रामफल कुंडू को जुलाना व सफीदो की जिम्मेदारी दी गई।
उम्मेद सिंह लोहाना को नारनौंद, हांसी, बरवाला व नलवा तथा पूर्व विधायक ओमप्रकाश गेरा, धर्मपाल ओबरा व महासचिव सुनील लांबा को भिवानी जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई।
पूर्व विधायक रणबीर मंदौला को नांगल चौधरी, पूर्व विधायक रेखा राणा को असंध व घरौंडा की जिम्मेदारी दी गई है।
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