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    भारतीय हॉकी टीम ने 73 साल पहले आज ही के दिन लंदन ओलिंपिक में तोड़ा था अंग्रेजों का गुरूर, 4-0 जीता था फाइनल

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Thu, 12 Aug 2021 09:31 AM (IST)

    73 साल पहले लंदन ओलिंपिक में आज के ही दिन भारतीय हॉकी टीम ने इतिहास रचा था। भारत ने इंग्लैंड की महारानी के सामने फाइलन मुकाबले में अंग्रेजों को 4-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता था। उस समय चंडीगढ़ के हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर भी टीम का हिस्सा था।

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    बलबीर सिंह सीनियर ने एक मैच में 6 गोल कर बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड।

    विकास शर्मा, चंडीगढ़। भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने छह बार ओलिंपिक (Olympics) में गोल्ड मेडल जीता है। आजादी से पहले साल 1928,1932 और 1936 में टीम ने ब्रिटिश झंडे के नीचे ब्रिटिश कॉलोनी के तौर पर खेलते हुए यह जीत हासिल की। यह जीत इतिहास के पन्नों पर दर्ज है और इस जीत का चंडीगढ़ से भी खास ताल्लुक है।

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    आजादी के ठीक एक साल बाद लंदन ओलिंपिक-1948 (London Olympics) में भारतीय टीम खेलने पहुंची, तो किसी को भी ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी। टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया और फाइनल में इंग्लैंड को उनकी महारानी के सामने 4-0 से हराकर इतिहास रचा था। आजादी के बाद पहला मौका था, जब भारतीय तिरंगा किसी देश में फहराया हो। इंग्लैंड की महारानी ने खड़े होकर इस जीत का सम्मान किया। इस जीत के जश्न में वह सभी देश शामिल हुए जो कभी अंग्रेजों के गुलाम थे।

    बलबीर सिंह सीनियर का बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड अभी भी कायम

    चंडीगढ़ के हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के मित्र व खेल इतिहासकार एसके गुप्ता बताते हैं कि 12 अगस्त, 1948 को भारतीय टीम ने सिर्फ ओलिंपिक में गोल्ड मेडल ही नहीं जीता था, बल्कि दुनिया को अपने होने का अहसास भी करवाया था। इस जीत में सीनियर का अहम रोल था। सीनियर ने अपने पहले ओलिंपिक डेब्यू मैच में अर्जेटीना के खिलाफ छह गोल किए थे, जोकि अभी तक कोई भी खिलाड़ी नहीं बना सका है। इस मैच में भारतीय टीम 9-1 से मैच जीती थी। इसमें अकेले बलबीर सिंह सीनियर ने 6 गोल दागकर विरोधियों को हक्का बक्का किया था। इस ओलिंपिक में बलबीर सिंह सीनियर ने सिर्फ दो मैच खेले थे। जिसमें उन्होंने 8 गोल किए थे। भारतीय टीम में सबसे ज्यादा गोल करने वाले वही थे।

    इस ऐतिहासिक जीत पर ही बन चुकी है फिल्म

    ओलिंपिक गेम्स 1948 पर बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है। गोल्ड नाम से बनी यह फिल्म टीम के मैनेजर तपन दास पर आधारित थी। तपन दास का रोल अक्षय कुमार ने अदा किया था। फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे कई मुश्किलों के बाद भारतीय टीम ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतती है।

    राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर मनाया जाना चाहिए यह खास दिन

    स्वर्गीय पदमश्री बलबीर सिंह सीनियर की बेटी सुशबीर भौमिया ने बताती हैं कि पिताजी की यही इच्छा थी कि इस दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाया जाए। अपनी यह इच्छा उन्होंने कई मंचों पर भी रखी। तीन साल पहले जब केंद्रीय गृहमंत्री व तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब पिताजी से मिलने आए थे तो भी उन्होंने इस बात का जिक्र उनसे किया था। आज हर छोटी बड़ी उपलब्धि को जोर -शोर से मनाया जाता है ऐसे में देश को उस पल और उस जीत के महत्व को समझना चाहिए।