Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    India Canada Row: पंजाब के बाद खालिस्तानियों का नया टारगेट 'कनाडा', जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी...

    By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya
    Updated: Sat, 23 Sep 2023 07:00 AM (IST)

    India Canada Row पंजाब को 15 साल तक हिंसा की आग में जलाने वाली खालिस्तान की मुहिम अब कनाडा को अपनी चपेट में ले रही है। हालत यह है कि भारत के भागे गैंगस्टर और आतंकी कनाडा में हथियार लेकर खुलेआम घूम रहे हैं। जानकार बताते हैं कि पंजाबी राज्य बनाने की मांग को लेकर चलाई गई राजनीतिक मुहिम की आड़ में खालिस्तान की मुहिम चलाई गई।

    Hero Image
    India Canada Row: खालिस्तान की मुहिम पंजाब को जलाने के बाद अब कनाडा को लपेट रही

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब को 15 साल तक हिंसा की आग में जलाने वाली खालिस्तान की मुहिम अब कनाडा को अपनी चपेट में ले रही है। हाल के दिनों में वहां गैंगवार और दूसरे अपराधों में आई वृद्धि ने स्थानीय नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालत यह है कि भारत के भागे गैंगस्टर और आतंकी कनाडा में हथियार लेकर खुलेआम घूम रहे हैं। जानकार बताते हैं कि पंजाबी राज्य बनाने की मांग को लेकर चलाई गई राजनीतिक मुहिम की आड़ में खालिस्तान की मुहिम चलाई गई। हालांकि किसी राजनीतिक दल की कभी यह मांग नहीं थी।

    बहुत चर्चित रहे श्री आनंदपुर साहिब के प्रस्ताव में खालिस्तान की मांग नहीं थी। केवल राज्यों को अधिक वित्तीय अधिकार देने की बात थी जो आज हर राज्य की मांग है। आज पंजाब में खालिस्तान कोई मुद्दा नहीं रहा। न तो कोई पार्टी इसे राजनीतिक एजेंडे के रूप में देखती है और न ही यहां के लोग।

    India Canada Row: 15 लाख पंजाबी कनाडा के नागरिक परेशान, रिश्तेदार रोज कर रहे फोन; लेकिन...

    राजनीतिक शरण लेने वाले कुछ लोगों ने दी हुई है हवा

    कभी-कभी दूसरी पार्टियों से उकताए लोग आवेग में आकर सिमरनजीत सिंह मान जैसे लोगों को चुनाव जितवा देते हैं, लेकिन उसका अर्थ यह कभी नहीं रहा कि लोग फिर उन 15 वर्षों की ओर मुड़ना चाहते हैं, जिससे गुजरकर वह अपनी एक पीढ़ी को गंवा चुके हैं। हिंदू-सिख भाईचारे को आतंकवाद के दौर में मिले जख्म पंजाब में तो भर गए, लेकिन कनाडा, अमेरिका, यूके और जर्मनी जैसे देशों में राजनीतिक शरण लेने वाले कुछ लोगों ने इसे हवा दे रखी है।

    अमेरिका, यूके और जर्मनी आदि सरकारों ने तो इसे नियंत्रण में रखा हुआ है, लेकिन कनाडा में इन्हें प्रश्रय मिला हुआ है। इनमें से कई कनाडा की संसद में भी चले गए हैं, जो बार-बार भारत विरोधी आग उगलते रहते हैं। तीन कृषि कानून सीधा-सीधा भारत का आंतरिक मामला रहा, लेकिन कट्टरपंथी तत्वों ने कनाडा की संसद में इसे उठाया।

    यह भी पढ़ें: Women Reservation Bill: नारी शक्ति वंदन से नए संसद में रचा इतिहास

    कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष व खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह ने तो इस पर कई बार विचार व्यक्त किए। जब प्रसिद्ध गायिका रेहाना ने इस पर इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर लिखा तो उन्होंने उस पर भी टिप्पणी की। किसान आंदोलन के बाद अमृतपाल का मामला भी आया तो कहा जाने लगा कि यह फिर से 80 के दशक का दोहराव है। इसे कनाडा से ही हवा मिली। राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (एनएसए) जैसे सख्त कानूनों के तहत उन्हें अंदर करने के बावजूद पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की रणनीति आगे नहीं बढ़ सकी।