Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब में अनोखा मामला: बिना FIR के एक ही मामले में की गई तीन बार जांच, HC ने लगाई फटकार; मोहाली के SSP-DSP को किया तलब

    Updated: Thu, 08 Feb 2024 10:18 AM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक ही मामले में तीसरी बार जांच की बात सामने आने पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे न्यायालय की अवमानना जैसा बताया है। अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने मोहाली के एसएसपी व डीएसपी ट्रैफिक को हाजिर रहने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने मोहाली के एसएसपी से पूछा है कि मोहाली में ऐसे कितने मामले हैं जिनमें बिना एफआइआर दर्ज किए जांच की गई है

    Hero Image
    बिना FIR के एक ही मामले में की गई तीन बार जांच, HC ने लगाई फटकार

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab  News:  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक ही मामले में तीसरी बार जांच की बात सामने आने पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे न्यायालय की अवमानना जैसा बताया है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि बिना एफआइआर जांच कैसे की गई और सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी मामले में जारी निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगली सुनवाई पर मोहाली के एसएसपी व डीएसपी को हाजिर रहने का आदेश

    अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने मोहाली के एसएसपी व डीएसपी ट्रैफिक को हाजिर रहने का आदेश दिया है। याचिका दाखिल करते हुए सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उसका मोहाली में एक प्लाट को लेकर विवाद चल रहा था और यह मामला डेराबस्सी की अदालत में विचाराधीन है। इसी बीच दूसरे पक्ष ने एसएसपी को इस मामले में आपराधिक शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की थी।

    दो बार क्लोजर के बाद अब तीसरी बार दी शिकायत

    मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी गई और उन्होंने इसे सिविल विवाद बताते हुए जांच 17 जनवरी 2022 को शिकायत समाप्त करने की रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद दोबारा एक शिकायत दी गई और इस बार शिकायत पर जांच एसपी पीआइबी को सौंप दी गई। जांच के बाद इस बार भी मामले को सिविल बताते हुए बंद करने की रिपोर्ट दे दी गई। दो बार क्लोजर के बाद अब तीसरी बार फिर से शिकायत दी गई है और इस बार जांच डीएसपी ट्रैफिक को दी गई है।

    हाईकोर्ट ने अपनाया कड़ा रुख

    वह बार-बार उसे अपने कार्यालय बुलाकर परेशान कर रहे हैं। याची ने कहा कि जब पहले दो बार जांच हो चुकी है और एफआइआर से वरिष्ठ अधिकारी इन्कार कर चुके हैं तो यह तीसरी जांच कैसे वैध है, जबकि इस बार जांच अधिकारी पूर्व के अधिकारियों से कनिष्ठ हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ललिता कुमारी मामले में स्पष्ट कर चुका है कि बिना एफआइआर जांच नहीं की जानी चाहिए।

    यह भी पढ़ें- Jagjeet Singh: जालंधर से गजलों का सफर शुरू कर जगमोहन सिंह धीमान से बने ‘जगजीत सिंह’, यूं ही नहीं दुनिया हुई कायल

    HC ने मोहाली के SSP से मांगे इन सवालों के जवाब

    यदि प्राथमिक जांच जरूरी हो तो यह 15 दिन में पूरी होनी चाहिए और विशेष परिस्थितियों में अधिकतम 6 सप्ताह में होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि मोहाली के मामले से यह स्पष्ट है कि अन्य जिलों में भी एक शिकायत पर अनेक जांच की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसे में हाईकोर्ट ने फिलहाल मोहाली के एसएसपी से पूछा है कि मोहाली में ऐसे कितने मामले हैं जिनमें बिना एफआइआर दर्ज किए जांच की गई है, इन मामलों में शिकायतकर्ता कौन है, किस तारीख को शिकायत मिली और जांच आरंभ कब हुई। इसके साथ ही एक शिकायत में कितनी बार जांच हुई, जांच का परिणाम क्या था और जांच अधिकारी कौन था।

    यह भी पढ़ें- Punjab News: सरकारी स्कूलों में Mid Day Meal के मेन्यू में हुआ बदलाव, अब छात्रों को खाने के साथ मिलेगा यह फल