मोहाली में ससुर की संपत्ति से बहू बेदखल, कोर्ट ने माना-पति के घर छोड़ने पर समाप्त हो गया था अधिकार
मोहाली की अदालत ने बहू को ससुर की संपत्ति से बेदखल करने का आदेश दिया है। ससुर ने बहू के खिलाफ संपत्ति से कब्जा हटाने के लिए मुकदमा दायर किया था। अदालत ने माना कि बहू का रहने का अधिकार केवल लाइसेंसी के तौर पर था जो पति के घर छोड़ने के बाद समाप्त हो गया। अदालत ने बहू को तुरंत कब्जा सौंपने और हर्जाना देने का आदेश दिया।

जागरण संवाददाता, मोहाली। अतिरिक्त जिला जज की अदालत ने एक अहम फैसले में बहू को उसके ससुर की संपत्ति से बेदखल करने का आदेश सुनाया है। अदालत ने निचली अदालत के 28 जनवरी 2019 के फैसले को पलटते हुए यह आदेश जारी किया, जिसमें ससुर की याचिका खारिज कर दी गई थी। बलविंदर सिंह ने अपनी बहू अमनदीप कौर के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें संपत्ति से कब्जा छुड़ाने और हर्जाना वसूलने की मांग की गई थी।
बलविंदर सिंह ने दलील दी कि बेटे की शादी के बाद बहू लाइसेंसी के तौर पर घर में रह रही थी। घरेलू विवादों के चलते बेटा अलग रहने लगा, लेकिन बहू ने जबरदस्ती घर के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया और खाली करने से इन्कार कर दिया। दूसरी ओर, अमनदीप कौर ने दावा किया कि यह उसका साझा घर और वैवाहिक निवास है और उसे यहां रहने का अधिकार है।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें और सुबूत सुनने के बाद माना कि बहू को साझा घर में रहने का अधिकार है, लेकिन ससुर की स्वअर्जित संपत्ति में यह अधिकार केवल लाइसेंसी के तौर पर ही है। चूंकि पति घर छोड़ चुका है, इसलिए बहू का लाइसेंस अपने आप समाप्त हो जाता है।
अदालत ने कहा कि जब ससुर बहू को अपने घर में रहने की अनुमति नहीं देना चाहता तो उसका वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता। अदालत ने आदेश दिया कि अमनदीप कौर तुरंत संपत्ति का कब्जा ससुर बलविंदर सिंह को सौंपे। इसके साथ ही उसे कब्जा छोड़ने तक 2000 प्रतिमाह हर्जाना देने का आदेश दिया गया है, जिस पर 6% वार्षिक ब्याज भी लागू होगा।
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