Farmer Protest: मैराथन बैठक में केंद्रीय मंत्रियों के साथ संगठनों की नहीं बनी बात, दिल्ली की सीमाओं पर जुटने लगे आंदोलनकारी
Farmer Protest केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार को चंडीगढ़ में देर शाम चली बैठक बेनतीजा रही। किसान संगठनों और सरकार के बीच जब सहमति नहीं बनी तो देर रात करीब 1130 बजे बैठक से बाहर आकर किसान नेताओं ने मंगलवार को सुबह दस बजे दिल्ली कूच का एलान कर दिया। हालांकि पिछली बार हुए किसान संगठनों के आंदोलन से सबक लेते हुए इस बार पुलिस बॉर्डरों पर मुस्तैद है।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य, स्वामीनाथन के फॉर्मूले सी टू प्लस 50 प्रतिशत पर तय करने की मांग को लेकर पंजाब के किसान संगठनों के साथ सोमवार को देर तक तक तीन केंद्रीय मंत्रियों की बैठक चली। जो बेनतीजा रही। यह एक अहम बैठक मानी जा रही थी।
वार्ता विफल: आज सुबह 10 बजे किसान करेंगे दिल्ली कूच
जिसमें तय होना था कि किसान 13 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे या नहीं। इस बैठक में केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति पीयूष गोयल के अलावा कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय आदि मौजूद रहे। किसान संगठनों और सरकार के बीच जब सहमति नहीं बनी तो किसान नेताओं ने मंगलवार को सुबह दस बजे दिल्ली कूच का एलान कर दिया।
अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची मीटिंग
बता दें किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच में चल रही बातचीत रात 9:30 बजे तक भी किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी। मीटिंग में बैठे सूत्रों ने कहा कि बात न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून को लेकर अटकी हुई है। किसान संगठन इससे कम पर नहीं मान रहे हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर एक कमेटी बनाकर इसे हल करने के प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्रियों की ओर से दिए गए हैं लेकिन किसान संगठन इस पर राजी नहीं हुए।
किसान नेता रंजीत सिंह राजू ने कही ये बात
किसान नेता रंजीत सिंह राजू ने सोमवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। सभी बिंदुओं पर चर्चा हो रही है लेकिन बात नहीं बन पा रही है। असली पेंच MSP की गारंटी और किसानों के कर्जा मुक्ति पर अड़ा हुआ है। मीटिंग अभी भी जारी है।
किसानों और मंत्रियों के दूसरे दौर की बातचीत शुरू
इसके ठीक बाद किसानों और मंत्रियों के बीच बातचीत का दूसरा दौर भी हुआ। इस दौरान किसान कुछ देर के लिए बाहर आए थे लेकिन एक बार फिर से कुछ देर बाद अंदर चले गए। भारतीय किसान यूनियन के एक नेता ने बताया कि बातचीत अभी सिरे नहीं चढ़ पाई है। एमएसपी और किसानों की कर्ज माफी दोनों मुद्दे अटके हुए हैं।
कल की बैठक में पिछली बार की बैठक की तरह ही मुख्यमंत्री भगवंत मान तो हाजिर नहीं हुए। उनकी जगह एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल हैं। साथ ही मुख्यमंत्री के स्पेशल प्रिंसिपल सेक्रेटरी वीके सिंह और स्पेशल प्रिंसिपल सेक्रेटरी कुमार अमित के अलावा अन्य सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे। किसान संगठनों की ओर से भाकियू सिद्धूपुर के प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवण सिंह पंधेर, रमनदीप मान आदि भी मौजूद रहे।
हरियाणा सरकार ने पंजाब के सभी बॉर्डर किए सील
तीन कृषि कानूनों को लेकर साल 2020 में जिस प्रकार का खेती का आंदोलन एक साल तक चला उसकी पुर्नावृति न हो। इसके लिए केंद्र सरकार ने पहले से ही कोशिशें शुरू कर दी हैं। 12 फरवरी को जिन किसान संगठनों के साथ केंद्रीय मंत्रियों ने बैठक की, उन्होंने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का आह्वान किया था। जिसको लेकर हरियाणा सरकार ने पंजाब से आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया है और भारी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने नहीं दिए तीन किसान नेताओं के नाम
आज की बैठक का भी मुख्य मुद्दा सभी 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून लाने संबंधी चर्चा हुई। किसान नेताओं ने जब केंद्रीय मंत्रियों से कहा कि तीनों खेती कानून रद्द करने के मौके पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी संबंधी कानून लाने संबंधी केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया था लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया। इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार इसके लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनाई जानी थी जिसमें तीन किसान नेताओं को भी शामिल करना था लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन नाम नहीं दिए। ऐसे में कानून बनाने का ठीकरा हम पर नहीं फोड़ा जा सकता।
किसानों की मांगें
12 फरवरी की बैठक में सभी 23 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन के फार्मूले सी टू प्लस 50 प्रतिशत पर तय करने , किसानों के लिए दस हजार रुपए की पेंशन तय करने, किसानों पर चढ़ा कर्ज माफ करने और भारत को विश्व व्यापार संगठन से बाहर आने की मांगें शामिल हैं। बैठक तय समय से एक घंटा देरी से शुरू हुई थी चूंकि तीनों मंत्री छह बजे के करीब मीटिंग स्थल पर पहुंचे थे।