पंजाब में 1630 करोड़ का खनन घोटाला उजागर, HC ने सरकार और विजिलेंस ब्यूरो को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और विजिलेंस ब्यूरो को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने रोपड़ में 630 करोड़ और मोहाली में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता निखिल सर्राफ ने अवैध खनन से सरकार को राजस्व का नुकसान होने की बात कही है। उन्होंने कोर्ट से मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की अपील की है, क्योंकि अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप है।

पंजाब में 1630 करोड़ का खनन घोटाला उजागर (प्रतीकात्मक फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। रोपड़ में 630 व मोहाली में 1000 करोड़ रुपये का अवैध खनन हर साल होने का आरोप लगाते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व विजिलेंस ब्यूरो को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
याचिका दाखिल करते हुए मोहाली निवासी निखिल सर्राफ ने हाईकोर्ट को बताया कि वह पेशे से वकील है और अवैध खनन को लेकर मोहाली निवासी लोगों द्वारा दाखिल केस लड़ रहा है। याची ने बताया कि वह केस अभी कोर्ट में विचाराधीन है और फिर भी अवैध खनन को रोकने का कोई प्रयास सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा।
इसके चलते याची ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। याचिका दाखिल होने के बाद याचिकाकर्ता के फार्म के निकट खनन के लिए तीन अनुमतियां दे दी गई। याची ने कहा कि अवैध खनन एक ओर स्थानीय लोगों को नुक्सान पहुंचा रहा है दूसरी ओर सरकार को राजस्व का। याची ने बताया कि एनजीटी ने 2020 में जारी आदेश में कहा था कि रोपड़ में 630 तो वहीं मोहाली में 1000 करोड़ रुपये का अवैध खनन हर साल हो रहा है।
याची ने कहा कि इस बारे में हर स्तर पर शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। याची ने कहा कि अधिकारियों की मिली भगत से अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे में कोर्ट से अपील की गई कि इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए। याची पक्ष की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार व विजिलेंस ब्यूरो को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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