मार्च के बाद सिर्फ पुराने वाहनों पर लगेगी एचएसआरपी, जानें क्या है पूरा मामला
2019 कई तरह की नई चीजें लेकर आएगा। सबसे बड़ी राहत की खबर यह है कि मार्च 2019 से वाहनों पर एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) लगकर ही आएगी।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : 2019 कई तरह की नई चीजें लेकर आएगा। सबसे बड़ी राहत की खबर यह है कि मार्च 2019 से वाहनों पर एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) लगकर ही आएगी। मेन्यूफेक्च¨रग कंपनियां ही एचएसआरपी लगाकर देंगी। जिसके बाद इस पर सिर्फ नंबर ¨प्रट कराना ही बचेगा। इसके बाद एचएसआरपी की वे¨टग और लगवाने का झंझट खत्म हो जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट ने यह नोटिफिकेशन जारी कर यूटी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को भी जानकारी दे दी है। हालांकि यूटी प्रशासन ने 7 साल के लिए एचएसआरपी लगाने के लिए कंपनी को टेंडर दे रखा है। मार्च के बाद यह कंपनी केवल पुराने पें¨डग वाहनों पर ही एचएसआरपी लगा सकेगी।
नए वाहनों पर एचएसआरपी लगाने का काम खत्म हो जाएगा। पिछले साल नवंबर में ही इस कंपनी ने वाहनों पर एचएसआरपी लगाने का काम शुरू किया था। जिसके बाद नई सीरीज के साथ पुराने वाहनों की एक-एक सीरीज पर एचएसआरपी लगाई जा रही है । 30 हजार वाहनों पर लगनी बाकी अभी भी 30 हजार से अधिक ऐसे वाहन हैं, जिन पर एचएसआरपी लगनी बाकी है। इनमें बहुत से पुराने वाहन शामिल हैं। बीच में कई साल एचएसआरपी का काम बंद रहने से इन वाहनों की संख्या लगातार बढ़ गई थी। 70 हजार से अधिक वाहन ऐसे थे, जिन पर एचएसआरपी लगनी बाकी थी। अभी भी आधे वाहन ऐसे बचे हैं। साथ ही नए वाहनों की संख्या अलग है। हर दो महीने में 10 हजार से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हो रहे हैं। जिस कारण इन पर इसी गति से एचएसआरपी नहीं लग पाती। एचएसआरपी नहीं लगने वाले वाहनों का बैकलॉग अधिक होने से ही इनके चालान तक बंद हो गए थे। अब जिस सीरीज पर एचएसआरपी लगती है, ट्रैफिक पुलिस उसके चालान करती है। 360 रुपये में लगती है एचएसआरपी अब जो कंपनी एचएसआरपी लगा रही है, वह टू व्हीलर्स पर 160 रुपये में, जबकि फोर व्हीलर पर 360 रुपये में एचएसआरपी लगा रही है। पिछले साल यह रेट दोगुने किए गए थे। पहले टू व्हीलर में 81और फोर व्हीलर पर 183 रुपये लिए जाते थे। एचएसआरपी में चिप लगी होती है, जिसे स्कैन कर आसानी से वाहन और ऑनर का पूरा डाटा जुटाया जा सकता है। ट्रैफिक पुलिस चिप को स्कैन कर मौके पर ही पता लगा सकती है कि वाहन चोरी का तो नहीं है। अभी एचएसआरपी की लंबी वे¨टग रहती थी, जिस कारण पुलिस को भी मदद नहीं मिल पाती थी।