ईमानदारी और इच्छा शक्ति से मिलती है सफलता : डीजीपी
एक बेहतर अधिकारी बनने के लिए जरूरी है कि आपके अंदर ईमानदारी प्रोफेशनलिज्म और इच्छा शक्ति हो।
जासं, चंडीगढ़ : एक बेहतर अधिकारी बनने के लिए जरूरी है कि आपके अंदर ईमानदारी, प्रोफेशनलिज्म और इच्छा शक्ति हो। जिसके पास यह तीनों गुण होंगे, वह निश्चित तौर पर सफल इंसान या अधिकारी बन सकता है। यह बातें पंजाब यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल (यूबीएस) की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे महाराष्ट्र के डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल ने कही।
उन्होंने कहा कि आज युवा सफल तो होना चाहते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें क्या करना है इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं। युवा सामने वालों की चमक-दमक को देखकर नौकरी ज्वाइन करते हैं, लेकिन मेहनत करने और प्रोफेशनलिज्म को अपनाने से डरते हैं। सुबोध कुमार जायसवाल पीयू के यूबीएस डिपार्टमेंट से 1984 पासआउट हैं। जिन्होंने पीयू पहुंचने पर यूबीएस के स्टूडेंट्स से खुद के जीवन के अनुभवों को साझा किया।
उन्होंने बताया कि 35 वर्ष के कैरियर में देश के चार प्रधानमंत्री के साथ भी काम किया है। इसके साथ पुलिस और सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न जिम्मेदारियों का हिस्सा भी रहा हूं। इस सबसे मैंने जो सीखा है वह है कानूनी रास्ता। यदि आप कानून का पालन करते हैं तो आपको कभी परेशानी नहीं होगी। कानून सभी की भलाई के लिए है और सभी के लिए एक जैसा है। असफलता से निराश नहीं हुआ : सुबोध
सुबोध ने बताया कि मैं झारखंड के छोटे से गांव का रहने वाला था। वहां के युवाओं में पुलिस, डॉक्टर और इंजीनियर बनने का ही सपना होता था। जब मैंने एमबीए करने की शुरुआत की तो हर कोई पूछता था कि इस कोर्स को करने से क्या मिलता है। मैंने ग्रेजुएशन और एमबीए करते हुए तीन बार नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) का एग्जाम दिया, लेकिन मैं उसे क्रेक नहीं कर सका। यूपीएससी का एग्जाम मैंने बिना सोचे-समझे दिया था। जब मेरा यूपीएससी का एग्जाम क्लीयर हो गया तो मुझे पता नहीं था कि इसके बाद मुझे नौकरी कौन सी मिलनी है। उन्होंने युवाओं से कहा कि किसी एक चीज में सफलता नहीं मिलने का मतलब यह नहीं होता है कि आप उससे बड़ा कुछ नहीं कर सकते।