हरियाणा के पशुपालन और डेयरी विभाग की तबादला नीति पर हाईकोर्ट ने कहा- महिला-पुरुष के आधार पर भेदभाव उचित नहीं
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को हरियाणा के पशुपालन और डेयरी विभाग की तबादला नीति को मनमाना पूर्ण बताया। हाईकोर्ट ने कहा कि स्थानांतरण नीति में महिला और पुरुष के आधार पर भेदभाव करना उचित नहीं है।

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने माना कि हरियाणा के पशुपालन और डेयरी विभाग की तबादला नीति में महिला पशु चिकित्सकों को पांच अतिरिक्त अंक देकर विशेष लाभ देने का फैसला मनमाना है। इस मामले में राज्य सरकार उन महिला पशु चिकित्सकों को अतिरिक्त पांच अंक दे रही थी, जिनके पति राज्य या केंद्र सरकार के किसी भी विभाग में कार्यरत हैं, जबकि पुरुष पशु चिकित्सा सर्जनों को केवल उनकी पत्नी के विभाग में कार्यरत होने पर विचार किया जा रहा था।
सरकार स्थानांतरण नीति में नहीं कर सकती भेदभाव
हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार स्थानांतरण नीति में महिला और पुरुष के आधार पर चिकित्सकों के साथ भेदभाव नहीं कर सकती है। पुरुष हो या महिला दोनों का पारिवारिक जीवन एक जैसा होता है। दोनों का पारिवारिक जीवन ठीक होगा, तभी वे कुशलतापूर्वक और खुशी से कर्तव्यों का निर्वहन कर सकते हैं। इसलिए पुरुष पशु चिकित्सा सर्जनों के प्रति नीति अनुचित व भेदभावपूर्ण है।
अजय कुमार की याचिका पर पीठ ने दिए आदेश
जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस सुखविंदर कौर की खंडपीठ ने एसोसिएशन आफ वेटरनरी सर्जन के प्रधान अजय कुमार की याचिका पर आदेश दिए कि निर्णय आने तक विभाग पशु चिकित्सा सर्जनों को उसी तरह का लाभ दे, जो अब तक महिला पशु चिकित्सा सर्जनों को दिया जा रहा है।

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