वकीलों का झगड़ा, हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, चंडीगढ़ के डीजीपी से जवाब तलब, इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को बनाया पक्षकार
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में वकीलों की झड़प के मामले में अदालत ने यूट्यूब फेसबुक और इंस्टाग्राम को पक्षकार बनाया है। यूटी प्रशासन और डीजीपी को जांच की प्रगति पर शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने आशंका जताई कि दूसरे आरोपित के बयान पर दर्ज डेली डायरी रिपोर्ट का दुरुपयोग कर वकीलों के खिलाफ क्रॉस-केस दर्ज किया जा सकता है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में वकीलों के बीच हुई झड़प के मामले में दाखिल स्वत संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम को भी पक्षकार बना लिया है। साथ ही, अदालत ने यूटी प्रशासन और डीजीपी को भी पक्षकार बनाते हुए जांच की प्रगति पर शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए।
दो दिन पहले इस मामले में दो अधिवक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। सुनवाई के दौरान बार एसोसिएशन की ओर से अदालत को अवगत कराया गया कि एक आरोपित वकील अब भी फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य इंटरनेट मीडिया अकाउंट्स पर आपत्तिजनक पोस्ट जारी कर रही है।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ के सामने यूटी के वरिष्ठ स्थायी वकील अमित झांजी ने कहा कि अदालत के आदेशों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इन इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पक्षकार बनाना जरूरी है।
झांजी ने अदालत को यह भी बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस नरूला ने आशंका जताई कि दूसरे आरोपित के बयान पर दर्ज डेली डायरी रिपोर्ट (डीडीआर) का दुरुपयोग कर वकीलों के खिलाफ क्रॉस-केस दर्ज किया जा सकता है।
इस पर झांजी ने स्पष्ट किया कि डीडीआर केवल बयान दर्ज करने तक ही सीमित है और आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। खंडपीठ ने भी स्पष्ट किया कि जब तक मामला अदालत में लंबित है, डीडीआर के आधार पर कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।