बुजुर्ग पूर्व सैनिक को पेंशन न देने पर हाईकोर्ट की केंद्र को फटकार, लगाया एक लाख का जुर्माना
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 74 वर्षीय पूर्व सैन्यकर्मी की विकलांगता पेंशन जारी करने के मामले में सेना और केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट दाखिल न करने पर नाराजगी जताई और एक लाख रुपये का जुर्माना भरने की शर्त पर अंतिम अवसर दिया है। जस्टिस अल्का सरीन ने बार-बार स्थगन और जुर्माने के बावजूद अनुपालन न होने पर कड़ी आपत्ति जताई।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 74 वर्षीय पूर्व सैन्यकर्मी की विकलांगता पेंशन जारी करने को लेकर दायर अवमानना याचिका में अनुपालन रिपोर्ट तक न दाखिल करने को स्पष्ट अवहेलना करार दिया है। हाई कोर्ट ने सेना व केंद्र को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने एक लाख का जुर्माना भरने की शर्त पर अनुपालन के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया।
जस्टिस अल्का सरीन ने कहा कि बार-बार स्थगन और पहले भी जुर्माना लगाए जाने के बावजूद प्रतिवादियों ने न तो अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की और न ही जुर्माना जमा किया। याचिकाकर्ता को विकलांगता पेंशन का हकदार माना गया था।
8 नवंबर, 2024 के आदेश के अनुसार उनकी विकलांगता पेंशन आज तक जारी नहीं की गई। याचिकाकर्ता 74 वर्ष के हैं सरकार के रवैये के कारण उन्हें वर्तमान अवमानना याचिका दायर करने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
जस्टिस सरीन ने कहा कि इससे पहले अदालत 20 और 50 हजार का जुर्माना लगा चुकी है लेकिन अभी तक पालन नहीं हुआ। कोर्ट को बताया गया कि 20 हजार का जुर्माना जमा करवाया जा चुका है लेकिन 50 हजार का अभी बाकी है।
केंद्र ने कहा कि वह अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं कर रहे हैं क्योंकि 8 नवंबर, 2024 के आदेश को चुनौती देने का फैसला किया है। न्यायमूर्ति सरीन ने कहा कि मामले को आगे स्थगित करने का कोई आधार नहीं बनता। हालांकि, न्याय के हित में एक लाख रुपये के जुर्माने के भुगतान पर एक आखिरी मौका दिया जाता है।
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