हाई कोर्ट का आदेश- दीनानगर आतंकी हमले में घायल इंस्पेक्टर बलबीर सिंह को पदोन्नत करे पंजाब सरकार
दीनानगर में 2015 के आतंकी हमले में घायल हुए इंस्पेक्टर बलबीर सिंह को डीएसपी पद पर पदोन्नत किया जाए। यह आदेश पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को दिया है। सरकार ने पदोन्नति देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उन्हें पहले ही राष्ट्रपति पुलिस पदक मिल चुका है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि दीनानगर आतंकी हमले में घायल हुए पंजाब पुलिस के विशेष संचालन प्रकोष्ठ के इंस्पेक्टर बलबीर सिंह को डीएसपी पद पर पदोन्नत किया जाए। यह भी स्पष्ट किया कि पदोन्नति बिना किसी वित्तीय लाभ के दी जाएगी, जो उस अवधि के लिए होगी जब वे डीएसपी पद पर कार्यरत नहीं थे।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि 27 जुलाई 2015 को गुरदासपुर के दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हुए आतंकी हमले में बलबीर सिंह ने एसएसपी की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई थी और आतंकियों की एके -47 से चली गोलियों से घायल हुए थे। अस्पताल में उनकी सर्जरी हुई। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने घायल पुलिसकर्मियों को अगली रैंक पर पदोन्नत करने और बलिदानियों के स्वजनों को नौकरी देने की घोषणा की थी।
बलबीर सिंह ने 1992 में एएसआई के रूप में सेवा शुरू की और 2011 में इंस्पेक्टर बने। स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें वीरता पुरस्कार, डीजीपी प्राक्रम पदक और 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी। लेकिन, राज्य सरकार ने उन्हें डीएसपी पद पर पदोन्नति देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उन्हें पहले ही राष्ट्रपति पुलिस पदक मिल चुका है, इस कारण वे पदोन्नति के पात्र नहीं हैं।
इस पर बलबीर सिंह ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दलील दी कि सरकार ने राष्ट्रपति पुलिस पदक हासिल करने वाले एक अन्य इंस्पेक्टर बिक्रमजीत सिंह बराड़ को डीएसपी पद पर पदोन्नत किया है। बराड़ ने 25 जनवरी 2018 को कुख्यात गैंग्सटर विक्की गौंडर का एनकाउंटर किया था और उन्हें मंत्रिमंडल के निर्णय के आधार पर पदोन्नति दी गई थी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यदि बराड़ जैसे समान स्थिति वाले अधिकारी को पदोन्नति दी जा सकती है तो बलबीर सिंह को वंचित रखना अनुचित है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि 1959 के नियमों के अनुसार सरकार के पास विशेष परिस्थितियों में नियमों में ढील देने का अधिकार है और इस मामले में मंत्रिमंडल का पूर्व निर्णय बलबीर सिंह पर भी लागू होता है।
अंततः, हाईकोर्ट ने बलबीर सिंह की याचिका स्वीकार करते हुए पंजाब सरकार को आदेश दिया कि उन्हें इंस्पेक्टर से डीएसपी पद पर पदोन्नत किया जाए, हालांकि उन्हें उस अवधि के लिए वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा जब वे डीएसपी पद पर कार्यरत नहीं थे।
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