कनाडा में जन्म, चंडीगढ़ में पढ़ाई, 99 अंकों के बाद भी PU में दाखिले के लिए हाईकोर्ट तक लड़नी पड़ी लड़ाई, पढ़ें एकनूर की कहानी
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब विश्वविद्यालय को कनाडाई छात्रा एकनूर कौर बैंस को बी.कॉम-एलएल.बी में दाखिला देने का निर्देश दिया। एनआरआई कोटे में अध ...और पढ़ें

तस्वीर प्रतीकात्मक है। एकनूर कोर बैंस भी अन्य छात्राओं की तरह पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना चाहती है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि वह भारतीय मूल की कनाडाई पासपोर्ट धारक छात्रा एकनूर कौर बैंस को बी.कॉम-एलएल.बी के पांच वर्षीय कोर्स में दाखिला दे।
छात्रा ने एनआरआई कोटे में अंतिम चयनित उम्मीदवार से अधिक अंक प्राप्त किए थे, फिर भी उसे सीट नहीं मिली। इसमें कनाडाई पासपोर्ट बाधा बना था। अदालत ने माना कि विश्वविद्यालय की नीति ने छात्रा को अनुचित नुकसान पहुंचाया और न्यायिक हस्तक्षेप आवश्यक था।
एकनूर का जन्म कनाडा में पंजाबी माता-पिता के घर हुआ था, जो एक वर्ष के भीतर भारत लौट आए। उसने कक्षा पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई चंडीगढ़ में की, लेकिन उसका कनाडाई पासपोर्ट बना रहा। उसने पंजाब विश्वविद्यालय में मेरिट के आधार पर प्रवेश के लिए आवेदन किया था।
उसके 99 अंकों के आधार पर उसकी रैंक एनआरआई कोटे में कई उम्मीदवारों से ऊपर होनी चाहिए थी, जबकि अंतिम प्रवेश पाने वाले छात्र के अंक 64.8 थे। इसके बावजूद, विश्वविद्यालय ने उसे विदेशी नागरिक श्रेणी में रखकर 27वें नंबर पर डाल दिया।
अदालत में उसके वकील गगन परदीप सिंह बल ने दलील दी कि विश्वविद्यालय की प्रवेश नीति मनमानी है और इस वर्ष इसे बदला गया है, जिससे एक योग्य उम्मीदवार को अनुचित रूप से दरकिनार किया गया।
न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रोहित कपूर की खंडपीठ ने विश्वविद्यालय को तुरंत उसे प्रवेश देने और कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति देने का निर्देश दिया। यदि सभी सीटें भर चुकी हैं, तो विश्वविद्यालय को उसके लिए एक अतिरिक्त सीट बनानी होगी।
यह आदेश याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि अंतरिम राहत को भविष्य के मामलों में मिसाल के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

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