हाई कोर्ट सख्त : केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन को वकीलों की पैरवी फीस जारी करने का निर्देश Chandigarh News
हाई कोर्ट ने कहा कि अगर किसी विभाग के नोडल अधिकारी को वकील की फीस पर कोई शंका है तो वह वकील के साथ बैठ कर इसका समाधान निकालें।
चंडीगढ़, [राज्य ब्यूरो]। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह सभी वकीलों के पेंडिंग बिल का भुगतान कर इस बाबत स्टेटस रिपोर्ट दायर करे। हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि अगर अगली सुनवाई से पहले इस बाबत रिपोर्ट दायर नहीं होती तो विभाग के नोडल अधिकारी के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी।
मामले की सुनवाई के दौरान बीमा कंपनी, केंद्र सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन ने वकीलों की फीस भुगतान बारे स्टेटस रिपोर्ट दायर की। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर किसी विभाग के नोडल अधिकारी को वकील की फीस पर कोई शंका है तो वह वकील के साथ बैठ कर इसका समाधान निकालें। अगर वकील के बिल पर कोई आपत्ति है तो उसका लिखित आदेश पारित करें।
हाई कोर्ट के एक वकील को बीमारी के दौरान पैसे की काफी जरूरत थी। इस बीच उक्त वकील ने केंद्र के उन विभागों से फीस मांगी जिसके केसों की उसने पैरवी की थी।
इसके बावजूद विभाग ने फीस जारी नहीं की जिससे वकील को समय पर इलाज के लिए पैसा नहीं मिल पाया। केंद्र सरकार द्वारा वकीलों को उनकी फीस के लिए कई-कई साल तक लटकाने पर हाई कोर्ट ने सुनवाई शुरू की।
हाई कोर्ट के आदेश पर केंद्र व सभी बोर्ड-निगमों ने नोडल आफिसर नियुक्त किए जिनका काम वकीलों के क्लेम को देखना और उनकी फीस जारी करना था। हाई कोर्ट में यह बात भी सामने आई कि यह नोडल आफिसर भी वकीलों के बिल लटकाए रखते हैं। इस कारण हाई कोर्ट ने सभी विभागों और बोर्ड-निगमों को अब एक समान आदेश जारी कर सभी वकीलों के बिलों का भुगतान करने का आदेश दिया है।