अवैध खनन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा, हाई कोर्ट ने पाक सीमा से सटे पठानकोट व गुरदासपुर में लगाई रोक
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पाकिस्तान सीमा से सटे जिलों पठानकोट व गुरदासपुर में अवैध खनन पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने इस इलाके में पंजाब सरकार द्वारा खनन रोकने में विफलता पर नाराजगी जताई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पठानकोट और गुरदासपुर में खनन पर पूरी तरह लगा दी है। अवैध खनन रोकने में पंजाब सरकार की विफलता के बाद हाई कोर्ट ने यह कदम उठाया है। हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को नए सिरे से ठोस जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। सोमवार को मामले में पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में जो जवाब दाखिल किया उससे हाई कोर्ट असंतुष्ट नजर आया और अब यहां अगले आदेशों तक खनन पूरी तरह से बंद करने के आदेश दे दिए हैं।
सोमवार को पंजाब सरकार द्वारा दायर किए गए जवाब पर हाई कोर्ट ने कहा कि इस जवाब में एक शब्द भी नहीं है कि जो बताए कि अवैध खनन को रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए मीटिंग की जा रही है। मुख्य सचिव ने भी खनन साइट का दौरा किया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए। हाई कोर्ट ने बीएसएफ की ओर से दर्ज जवाब पर कहा कि माइनिंग को रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं किया जा रहा। राष्ट्रीय सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। पंजाब अफसर क्या कर रहे हैं। इतने गंभीर मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
हाई कोर्ट ने कहा कि बीएसएफ व सेना जवाब दे चुकी है कि पाकिस्तान सीमा से सटे क्षेत्र में अवैध खनन देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है। इससे देश में घुसपैठ बढ़ सकती है। हथियार, ड्रग्स की स्मलिंग का खतरा है। फिर भी कुछ क्यों नही किया जा रहा। बीएसएफ कह रही है इतने लोग गैर कानूनी माइनिंग करते हैं कि हम इसे कंट्रोल नहीं कर सकते।
इससे पहले पिछली सुनवाई में पंजाब में बड़ी-बड़ी मशीनों के जरिए हो रहे अवैध खनन की जानकारी पर पंजाब एवम हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या अवैध खनन से बने गड्ढे आतंकवादियों के लिए भारत में प्रवेश का द्वार तो नहीं बन रहे हैं। साथ ही अवैध खनन देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या नहीं इस पर पंजाब के मुख्य सचिव को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया था।
गुरबीर सिंह पन्नू ने पंजाब में अवैध खनन को लेकर याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही याचिकाकर्ता ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद नदी में तय सीमा से अधिक खनन किया जा रहा है। याची ने बताया कि गुरदासपुर और पठानकोट में खास तौर पर रावी नदी में इस प्रकार खनन किया जा रहा है कि बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं जो आतंकियों व घुसपैठियों के लिए प्रवेश द्वार बन गए हैं।
खनन के लिए जेसीबी व अन्य भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है। इस पर पंजाब सरकार ने बताया कि अवैध खनन पर नकेल कसी जा रही है और 500 से ज्यादा एफआइआर दर्ज कर 589 लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि क्या अवैध खनन से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है या नहीं।
पंजाब सरकार के वकील इसका जवाब नहीं दे सके थे। हाई कोर्ट ने इस बारे में पंजाब के मुख्य सचिव को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। साथ ही केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह आर्मी और बीएसएफ से गुरदासपुर व पठानकोट जिले में अवैध खनन के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे के बारे में रिपोर्ट मांग कर हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करें। इसके साथ ही पर्यावरण को हुए नुक्सान के बारे में कोर्ट ने पर्यावरण, वन, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और जल संसाधन विभाग, पावर मंत्रालय को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था।
मामले में आज बीएसएफ, सेना व पंजाब सरकार ने जवाब दायर किया। पंजाब सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने असंतुष्टि जताई और दोबारा जवाब देने को कहा। हाई कोर्ट ने इसके साथ ही पठानकोट व गुरदासपुर में खनन पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए।