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    18 सालों से कैबिनेट मंत्री का दर्जा, नहीं ली कभी सैलरी; जानिए कौन हैं AAP के राज्यसभा उम्मीदवार राजिंदर गुप्ता?

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 09:09 PM (IST)

    आम आदमी पार्टी ने ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन राजिंदर गुप्ता को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। गुप्ता जिनके पास पहले कैबिनेट मंत्री का दर्जा था आर्थिक नीति एवं योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। आप के बहुमत के कारण उनकी जीत तय है। केजरीवाल या सिसोदिया के राज्यसभा जाने की अटकलों पर विराम लग गया है।

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    18 वर्षों से राजिंदर गुप्ता के पास रहा कैबिनेट का दर्जा। फाइल फोटो

    कैलाश नाथ, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी ने ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन राजिंदर गुप्ता को राज्य सभा के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है। गुप्ता का राज्य सभा में जाना तय हैं। क्योंकि विधान सभा में आम आदमी पार्टी के 93 सदस्य होने के कारण बहुमत तो हैं ही साथ ही कोई भी विपक्षी पार्टी अपना प्रत्याशी उतारने की सोच भी नहीं रहे।

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    5000 करोड़ रुपये के ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन राजिंदर गुप्ता ने बीते कल ही आर्थिक नीति एवं योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष और काली माता मंदिर पटियाला की एडवाइजरी मैनेजिंदर कमेटी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था।

    गुप्ता के प्रत्याशी बनने के बाद यह तस्वीर भी स्पष्ट हो गई हैं कि आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और और पंजाब में राजनीतिक मामलों के प्रभारी मनीष सिसोदिया राज्य सभा में नहीं जा रहे हैं। क्योंकि उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा के राज्य सभा सदस्य के पद से इस्तीफा देने के बाद से ही विपक्षीय पार्टियां इस बात को मुद्दा बना था कि केजरीवाल पंजाब से राज्य सभा में जाएंगे।

    केजरीवाल नहीं जाएंगे राज्यसभा

    लुधियाना वेस्ट के चुनाव में केजरीवाल के राज्य सभा में जाने का मुद्दा सबसे प्रबल था। हालांकि केजरीवाल हमेशा ही इस बात से इंकार करते रहे थे। वहीं, राज्य सभा सीट के लिए आप ने एक बार फिर उद्योग व व्यापार जगत के प्रतिनिधि पर भरोसा जताया है।

    वर्तमान में आप के राज्य सभा में छह सदस्य हैं। जबकि संजीव अरोड़ा अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इसमें से डा. अशोक मित्तल और विक्रमजीत साहनी बड़े उद्योगपति है। संजीव अरोड़ा का नाम भी बड़े उद्योगपतियों में आता है। उनकी जगह पर राज्य सभा में ट्राइडेंट ग्रुप के राजिंदर गुप्ता लेंगे।

    राजिंदर गुप्ता के पास रहा कैबिनेट का दर्जा

    2007 से लेकर 2025 तक पंजाब में भले ही राज्य किसी भी पार्टी का रहा हो लेकिन राजिंदर गुप्ता के पास कैबिनेट मंत्री का दर्जा जरूर रहा है। 2007 से 2017 तक स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल के कार्यकाल में गुप्ता प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन रहे।

    जबकि 2017 में सरकार बदली कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री रहे लेकिन गुप्ता की पोस्ट में कोई बदलाव नहीं हुआ। पौने पांच वर्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दिया और 111 दिनों के लिए चरणजीत सिंह मुख्यमंत्री रहे तब भी गुप्ता के पास कैबिनेट का दर्जा रहा।

    कांग्रेस की सरकार जाने के बाद 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राजिंदर गुप्ता को आर्थिक नीति एवं योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष के पद पर रखा।

    यही नहीं बाद सरकार ने पटियाला स्थित प्राचीन काली माता मंदिर की एडवाइजरी मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन लगाया। जबकि इससे पहले जिले के डिप्टी कमिश्नर ही इसके चेयरमैन होते थे। सरकार ने गुप्ता के लिए नियमों में भी बदलाव किया।

    तनख्वाह नहीं लेते थे गुप्ता

    चेयरमैन रहते हुए राजिंदर गुप्ता ने कभी तनख्वाह नहीं ली। उनको प्रतिकात्मक रूप से एक रुपये का भुगतान किया जाता था। गुप्ता के पास कैबिनेट मंत्री का दर्जा रहता था और सचिवालय में उनका एक आफिस हमेशा रहा है। हालांकि राजिंदर गुप्ता संभवत: कभी भी अपने दफ्तर नहीं आए।

    राजिंदर गुप्ता का पंजाब में हमेशा एक बड़ा नाम रहा है। वहीं, सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ उनके अच्छे संबंध भी रहे हैं लेकिन वह राजनीतिक रूप से कभी किसी पार्टी से नहीं जुड़े।

    यह पहला मौका होगा कि वह आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने जा रहे हैं। बता दें कि 24 अक्टूबर को राज्य सभा सीट के लिए होने वाले चुनाव के लिए मतदान होना है।