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Punjab assembly session: आप और SAD का भारी हंगामा, स्‍पीकर को बुलाने पड़े मार्शल

पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी और शिअद के विधायकों ने भारी हंगामा किया। इससे सत्‍ताधारी कांग्रेस बेदम नजर आई। हालत ऐसी हो गई कि स्‍पीकर को मार्शलों को बुलाना पड़ा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 11:10 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 08:53 AM (IST)
Punjab assembly session: आप और SAD का भारी हंगामा, स्‍पीकर को बुलाने पड़े मार्शल
Punjab assembly session: आप और SAD का भारी हंगामा, स्‍पीकर को बुलाने पड़े मार्शल

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब विधाानसभा के बजटसत्र के दौरान साेमवार को भारी हंगामा हुआ। आम आदमी पार्टी (AAP) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने डीजीपी दिनकर गुप्ता और कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के इस्तीफे की मांग को लेकर भारी शोरगुल किया। नौबत ऐसी हो गई कि स्‍पीकर को सदन में मार्शलों को बुलाना पड़ा। इस दौरान विपक्ष के आगे कांग्रेस सरकार बेदम नजर आई। विपक्ष के हंगामे के कारण स्पीकर राणा केपी को सदन को चार बार स्थगित करना पड़ा।

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सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अनुपस्थिति से कांग्रेस फ्लोर मैनेजमेंट में बिखरी

हंगामा इतना बढ़ा की स्पीकर ने पूरे विपक्ष को नेम करते हुए मार्शल को उन्हें सदन से बाहर निकालने के आदेश तक दे दिए। हंगामे के बीच विधान सभा की कार्यवाही रूक-रूक कर चलती रही। आम आदमी पार्टी और अकाली दल के विधायक प्रश्‍नकाल की शुरूआत में ही डीजीपी दिनकर गुप्ता और भारत भूषण आशु को बर्खास्त करने की मांग को लेकर वेल में आ गए।

दोनों पार्टियों के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष ने सुबह ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिया था। दोनों ही पार्टियों के विधायकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। सदन में भी विपक्ष का वही रवैया रहा। विपक्ष के विधायकों के नारेबाजी के बीच स्पीकर ने प्रश्‍नकाल के दौरान ही सदन को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। दूसरी बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी विधायकों ने पुन: नारेबाजी शुरू कर दी।

विपक्ष डीजीपी और आशु के इस्तीफे पर अड़ा, चार बार स्थगित हुआ सदन

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अनुपस्थिति में कांग्रेस पूरी तरह से 'सिर रहित' दिखाई दी। विपक्षी विधायकाें की नारेबाजी कर रहे थे तो कांग्रेस के विधायक भी नारेबाजी पर उतर आए। स्पीकर द्वारा दूसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित करने पर कांग्रेस की गुटबाजी जाहिर हो गई। कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने पार्टी के विधायकों पर भड़कते हुए कहा कि अकाली दल वाले गांधी परिवार का नाम लिए। तुसीं (आप) सारे विधायक चुप बैठे हो। इस पर कांग्रेस के विधायकों में आपस में ही बहस शुरू हो गई।

इस पर विधायक कुलबीर जीरा ने कहा कि गांधी परिवार के कारण की वे लोग आज सदन में बैठे हैं। इसके बाद कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाने की नीति बनाई। सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने पर विपक्ष ने नारेबाजी शुरू की तो कांग्रेस के विधायक भी जवाब में नारेबाजी पर उतर आए। एक बार तो कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के विधायकों के आमने-सामने आने की स्थिति बन गई। लेकिन, हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को जारी रखा। इस दौरान कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सभी विधायकों को अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा। इसके बाद कांग्रेस विधायक अपनी-अपनी सीट पर बैठ गए।

इसके बाद आप और शिअद के विधायक एक साथ वेल में आ गए और उन्‍होंने नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं, अकाली दल के विधायकों ने स्पीकर के सामने बैठने वाले रिपोर्टर का स्पीकर बंद कर दिया। स्थिति को तनावपूर्ण होते देख स्पीकर ने पहले आप के विधायकों को नेम किया। उसके बाद वेल में मौजूद शिअद के विधायकों को भी नेम करके मार्शल को आदेश दिए कि वेल में मौजूद सभी विधायकों को बाहर लेकर जाएं। इसके बाद स्पीकर ने 15 मिनट के लिए और बाद में पूरे दिन के लिए हाउस को स्थगित कर दिया।

क्यों बिफरे स्पीकर

विधान सभा के वेल में आप और अकाली दल के विधायक नारेबाजी कर रहे थे। अचानक ही अकाली दल के विधायकों ने सदन की कार्यवाही नोट करने वाले रिपोर्टर के टेबल के इर्द-गिर्द घेरा डाल दिया। स्पीकर के सामने की तरफ से अकाली विधायकों ने रिपोर्टर के टेबल पर रखे स्पीकर को बंद कर दिया। मेज की पिछली तरफ खड़े बिक्रम सिंह मजीठिया और हरिंदर सिंह चंदूमाजरा ने दूसरे स्पीकर को बंद कर दिए। उस समय टेबल पर दो महिला रिपोर्टर मौजूद थी।

स्पीकर न चलने के कारण रिपोर्टर ने सदन की कार्यवाही लिखनी बंद कर दी। जिसके बाद एक महिला रिपोर्टर उठ कर गई और उसने विधान सभा की सचिव शशि लखनपाल मिश्रा को सारी बात बताई। सचिव ने स्पीकर को बात बताई। इस पर स्पीकर नाराज हो गए है। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने रिपोर्टर का स्पीकर बंद कर दिया है। इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। स्पीकर राणा केपी सिंह के गुस्से को देखते हुए चंदूमाजरा ने तुरंत माइक खोलने के लिए स्पीकर पर हाथ चलाया। इसके साथ ही राणा केपी सिंह ने गुस्से में सभी विधायकों को विधान सभा से बाहर ले जाने के लिए मार्शल को आदेश दे दिए।

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