चंडीगढ़ में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई इलाकों में जलभराव, सड़कों पर गाड़ियां हुई बंद
चंडीगढ़ में मंगलवार दोपहर हुई मूसलाधार बारिश ने शहर की हालत बिगाड़ दी। सड़कों पर जलभराव से गाड़ियां खराब हो गईं। रोज गार्डन और पंजाब कला भवन को नुकसान पहुंचा। हाईकोर्ट मार्ग और मनसा देवी मंदिर अंडरपास में पानी भर गया। सुखना लेक में जलस्तर बढ़ने से फ्लड गेट खोलने पड़े। पीजीआई में एक्स-रे मशीनें बंद हो गईं।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में एक बार फिर मंगलवार दोपहर बाद मौसम बदला और मूसलाधार वर्षा हुई। करीब दो घंटा हुई वर्षा ने सिटी ब्यूटीफुल की हालत बिगाड़ दी। सड़कों पर जलभराव होने के कारण गाड़ियां खराब हो गई। सेक्टर-16 के रोज गार्डन में पानी का तेज बहाव था कि पौधों को काफी नुकसान पहुंचा।
साथ लगते पंजाब कला भवन की लगती दीवार से भवन के पार्किंग में पानी भर गया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ जाने वाली सड़क पर पानी भर जाने से गाड़ियां डूब गई। मनसा देवी मंदिर की तरफ जाने वाले अंडरपास में इतना पानी जमा हो गया कि एक भी गाड़ी वहां से निकल नहीं पाई। सुखना लेक में जलस्तर बढ़ जाने से फ्लड गेट खोलने पड़े।
पीजीआई में एक्सरे मशीनें बंद हो गई
पीजीआई के नेहरू ब्लाक में पानी घुस गया। नीचले तल पर वार्डों और कमरों में पानी घुस गया। ब्लॉक के कमरा नंबर 8 और 9 में जलभराव के चलते एक्स-रे मशीनें काम करना बंद कर गईं, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इलाज के लिए आए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा।
बारिश ने खोली निगम की पोल, वीआईपी सेक्टर भी डूबे
करीब तीन बजे से शुरू हुई भारी बारिश ने नगर निगम और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी। करीब दो घंटे में 40 मिमी से अधिक बारिश होने से शहर की सड़कों ने तालाब का रूप ले लिया। वीआइपी सेक्टरों तक में पानी घुस आया।
इसके साथ कालोनी में रहने वाले लोगों की परेशानी दोगुना हो गई। सेक्टर 15, 22, 33, और सेक्टर 35 जैसे वीआईपी क्षेत्रों में घरों और दुकानों में पानी घुस गया। कॉलोनियों में गलियां और सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। दोपहिया वाहन चालकों के गिरने और वाहन बंद होने की कई घटनाएं सामने आईं।
लोग बोले-यह कैसा स्मार्ट सिटी
स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी कहा जाता है, लेकिन हर साल कुछ घंटों की बारिश में ही शहर की व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है। ड्रेनेज सिस्टम की खस्ताहाली और नालियों की सफाई न होना इसकी मुख्य वजह है। नगर निगम हर साल मानसून से पहले तैयारियों के बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन हकीकत हर बार बारिश में सामने आ जाती है।
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