चंडीगढ़ में आठ साल पुराने रिश्वत मामले में हेड कांस्टेबल दोषी करार, झगड़े के केस में मांगे थे 10 हजार
चंडीगढ़ में सीबीआई की विशेष अदालत ने हेड कांस्टेबल रामकुमार को आठ साल पुराने रिश्वतखोरी के मामले में दोषी पाया। सीबीआई ने 2017 में उसे 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। यह कार्रवाई सारंगपुर के सत्या तिवारी और अनीता की शिकायत पर हुई जिन्होंने आरोप लगाया था कि रामकुमार उनके पति के खिलाफ मामले को खत्म करने के लिए रिश्वत मांग रहा था।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। आठ साल पुराने रिश्वत मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार काे चंडीगढ़ पुलिस के एक हेड कांस्टेबल राम कुमार को दोषी करार दे दिया। राम कुमार को बुधवार को सजा सुनाई जाएगी। उसे मई 2017 को सीबीआई ने 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगें हाथों पकड़ा था। अदालत का फैसला आते ही रामकुमार को हिरासत में ले लिया गया। अभी तक वह इस मामले में जमानत पर था।
सीबीआइ ने सारंगपुर के रहने वाले सत्या तिवारी और अनीता की शिकायत पर केस दर्ज किया था। अनीता ने शिकायत में बताया था कि उसका कुछ पारिवारिक कारणों के चलते किसी से झगड़ा चल रहा था। 17 फरवरी 2017 को सारंगपुर थाना पुलिस ने उसके पति शिवनाथ सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। दो दिन बाद पुलिसकर्मियों ने उसके पति को गिरफ्तार कर लिया।
सारंगपुर थाने के कुछ पुलिसकर्मियों ने अनीता को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। वह उसके पति के खिलाफ केस खत्म करने के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे। हेड कांस्टेबल राम कुमार ने उसे 10 हजार रुपये लेकर आने को कहा। अनीता ने परेशान होकर सीबीआई को शिकायत दे दी। सीबीआई ने फिर राम कुमार को पकड़ने के लिए 23 मई 2017 को ट्रैप लगाया। रामकुमार ने जैसे ही रिश्वत की रकम पकड़ी, तभी सीबीआई ने उसे दबोच लिया।
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