चंडीगढ़ के थानों में जाकर जमा रहा था धाक, पकड़े जाने पर नकली कर्नल का होश आया ठिकाने
चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने गणेश भट्ट नामक एक नकली कर्नल को गिरफ्तार किया है जिसने पुलिस विभाग को गुमराह किया और एक महिला कांस्टेबल से नौकरी के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी की। गिरफ्तारी के दौरान हाथापाई हुई और कस्टडी में पिटाई के आरोप भी लगे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को सेना का कर्नल बताकर करीब एक साल तक पुलिस महकमे को गुमराह किया। आरोपी की पहचान पंचकूला निवासी गणेश भट्ट के रूप में हुई है। नकली कर्नल ने न केवल पुलिस विभाग में धाक जमा रखी थी, बल्कि एक महिला कांस्टेबल से पांच लाख रुपये लेकर नौकरी लगवाने का झांसा भी दिया। पकड़े जाने पर उसके होश ठिकाने आए।
जानकारी के अनुसार गणेश भट्ट लंबे समय से कर्नल की वर्दी पहनकर क्राइम ब्रांच और अन्य थानों में आना-जाना करता था। वह अक्सर एक इंस्पेक्टर के साथ पहुंचता और पुलिसकर्मियों को प्रभावित करता। यहां तक कि कई पुलिसकर्मी उसे देखकर सलामी ठोकते थे। धीरे-धीरे उसने विभाग में ऐसा रुतबा बना लिया कि लोग उससे परिचय बढ़ाने में गर्व समझने लगे।
इसी दौरान सेक्टर-11 थाने में तैनात एक महिला कांस्टेबल उसकी चालबाजी का शिकार हो गई। नकली कर्नल ने उसके एक रिश्तेदार को नौकरी दिलवाने का लालच दिया और पांच लाख रुपये ऐंठ लिए। बाद में जब वादा पूरा नहीं हुआ और उसकी असलियत सामने आने लगी, तो वह फरार हो गया।
मामले में शामिल इंस्पेक्टर को भी बदल दिया गया। उसकी तलाश पुलिस कर रही थी। इस बीच क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर सतविंदर को सूचना मिली कि गणेश भट्ट अपने एक परिचित इंस्पेक्टर के साथ ओल्ड पंचकूला में मौजूद है। बताया जाता है कि दोनों वहां शराब पी रहे थे। टीम ने दबिश दी तो इंस्पेक्टर मौके से निकल गया, जबकि नकली कर्नल को घेरकर काबू कर लिया गया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस और आरोपी के बीच हाथापाई भी हुई। गणेश भट्ट के परिजनों ने आरोप लगाया है कि गिरफ्तारी के बाद आरोपित को क्राइम ब्रांच की कस्टडी में रखा गया, जहां उसके साथ मारपीट की गई। आरोप है कि उसे पानी तक नहीं दिया गया और उसके कान, आंख, शरीर के अन्य हिस्सों सहित गुप्तांगों में गंभीर चोटें आई हैं।
इस बात को लेकर पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। शुक्रवार को आरोपी गणेश भट्ट को अदालत में पेश किया गया। उसकी खराब हालत देखकर वकील ने मेडिकल जांच की अर्जी दी। अदालत ने आदेश दिया कि आरोपी का सेक्टर-16 अस्पताल में मेडिकल करवाया जाए। मेडिकल रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों से मिलीभगत का शक
क्राइम ब्रांच अब यह पता लगाने में जुटी है कि गणेश भट्ट ने कितने और लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि पुलिस विभाग के किन-किन अधिकारियों ने उसके साथ मिलकर फायदा उठाया।
वह पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। उसपर पहले भी मामले दर्ज है। अभी तक की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपित का चंडीगढ़ पुलिस हेडक्वाटर में भी आना जाना था। वह कई अफसरों को मिला करता था। विभाग में कई अफसर लेवल तक के पुलिस कर्मियों की बदली करवाई थी।
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