हरियाणा में जापान के सहयोग से विकसित होगी IMT, किसान देंगे सात हजार एकड़ जमीन
हरियाणा सरकार दस नई औद्योगिक मॉडल टाउनशिप बनाने जा रही है जिनमें से एक जापानी निवेश से बनेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जापान दौरे पर निवेशकों को आमंत्रित करेंगे। पहले चरण में छह आईएमटी पर काम शुरू हो गया है जिसके लिए किसानों ने सात हजार एकड़ जमीन देने के लिए आवेदन किया है। जापान हरियाणा में बड़ा निवेशक है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में बनाई जाने वाली दस नई औद्याेगिक मॉडल टाउनशिप (आइएमटी) से एक आइएमटी ऐसी होगी, जिसे पूरी तरह जापानी निवेशकों के सहयोग से विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार से शुरू हो रहे एक सप्ताह के जापान दौरे में विदेशी निवेशकों संग नई आइएमटी का रोडमैप साझा करेंगे। पांच से 11 अक्टूबर तक चलने वाले इस दौरे में मुख्यमंत्री वैश्विक निवेशक प्रदर्शनी में हरियाणा पंडाल का दौरा करने के साथ ही निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे।
पहले चरण में छह आइएमटी पर काम शुरू हो गया है, जिसके लिए किसानों ने करीब सात हजार एकड़ जमीन देने के लिए पोर्टल पर आवेदन किया है।
नई आइएमटी में विदेशी निवेशकों की अहम भूमिका होगी। आने वाले पांच वर्षों में इन सभी औद्योगिक मॉडल टाउनशिप को विकसित करने का काम पूरा करने की योजना है, जिससे हरियाणा की वैश्विक औद्योगिक पहचान और मजबूत होगी।
वर्तमान में जापान अपने कुल निवेश का लगभग एक तिहाई हिस्सा हरियाणा में निवेश कर रहा है। गुरुग्राम में ही 600 से अधिक जापानी कंपनियां सक्रिय हैं, जो राज्य में रोजगार और तकनीकी विकास का बड़ा स्रोत हैं।
इससे पहले वर्ष 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जापान दौरे के बाद इंडिया-जापान फास्ट ट्रैक मैकेनिज्म का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य जापानी निवेशकों के लिए भारत और हरियाणा को निवेश के लिए और अधिक सुगम और आकर्षक बनाना है।
उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेँन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत बनाने के विजन को मूर्त रूप देने में हरियाणा की अग्रणी भूमिका होगी।
जापानी कंपनियां मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों में भी सक्रिय योगदान दे रही हैं, जो राज्य के आर्थिक विकास और औद्योगिक विस्तार में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को औद्योगिक दृष्टि से और अधिक विकसित करने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई हैं। यह पहल न केवल निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करेंगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार सृजन, तकनीकी प्रशिक्षण और औद्योगिक विकास के नए मार्ग भी खुलेंगे।
पांच जिलों में छह आइएमटी के लिए चाहिए 35 हजार एकड़ से अधिक जमीन
पांच जिलों में छह नई आईएमटी विकसित करने के लिए सरकार को 35 हजार 500 एकड़ जमीन की जरूरत है। अंबाला, जींद, रेवाड़ी, फरीदाबाद और पलवल के किसानों के लिए स्वेच्छा से जमीन आफर करने के लिए 31 अगस्त तक पोर्टल खाेला गया था।
हालांकि इस दौरान सात हजार एकड़ भूमि का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है। ऐसे में प्रदेश सरकार आवश्यक जमीन जुटाने के लिए फिर से पोर्टल खोल सकती है। किसी भी किसान की जमीन का जबरदस्ती अधिग्रहण नहीं होगा, बल्कि लैंड पूलिंग पालिसी और बातचीत के माध्यम से जमीन का बंदोबस्त किया जाएगा।
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