हरियाणा शराब ठेका आवंटन विवाद: हत्या के दोषी को मिला लाइसेंस, विभाग पर उठे सवाल
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आबकारी विभाग को मेसर्ज डिस्कवरी अल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिवेदन पर स्पीकिंग ऑर्डर पारित करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता कंपनी ने हिसार में शराब ठेकों के आवंटन पर सवाल उठाए थे जिसमें आरोप था कि आवंटनधारी आशीष कुमार ने अपने आपराधिक इतिहास को छिपाया। हाईकोर्ट ने विभाग को जल्द कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आबकारी एवं कराधान विभाग को आदेश दिया है कि वह मेसर्ज डिस्कवरी अल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिवेदन पर प्रतिवेदन पर कारण सहित स्पीकिंग ऑर्डर आदेश पारित करे।
इस मामले में याचिकाकर्ता कंपनी ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया है कि हिसार जिले में लगभग 20 शराब ठेकों का आवंटन नवप्रीत हास्पिटैलिटी एलएलपी को किया गया, जिसके आवंटनधारी आशीष कुमार हैं।
हरियाणा के पूर्व एडवोकेट जनरल और पूर्व एडीशनल सालिस्टस्टर जनरल मोहन जैन ने बेंच को बताया कि हरियाणा आबकारी अधिनियम, 1914, हरियाणा शराब लाइसेंस नियम, 1970 और हरियाणा आबकारी नीति (2025–2027) के अनुसार, शराब ठेका उन्हीं व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जा सकता है, जिनके खिलाफ कोई गैर-जमानती अपराध का दोष सिद्ध न हुआ हो। साथ ही, सफल आवंटनधारी को शपथ पत्र देना अनिवार्य है कि वह किसी गैर-जमानती अपराध में दोषी नहीं है।
दस्तावेजों से यह तथ्य उजागर हुआ कि आशीष कुमार को वर्ष 1995 में हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था और वर्ष 1998 में सेशन जज आर एन सिंगल की अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास तथा छह माह कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।
इसके बावजूद उन्होंने शपथ पत्र में यह तथ्य छिपाया। याचिका में कहा गया है कि यह शपथ पत्र स्पष्ट रूप से झूठा और भ्रामक है। हरियाणा आबकारी नीति की धारा 2.10 के तहत झूठा शपथ पत्र देना लाइसेंस की तत्काल रद्दीकरण की वैधानिक स्थिति है।
इसके बावजूद विभाग ने कोई उचित कदम नहीं उठाया है। सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि याची का इस बाबत प्रतिवेदन आबकारी एवं कराधान आयुक्त के पास विचाराधीन है और जल्द ही इसका निपटारा किया जाएगा।
विभाग के इस जवाब पर हाईकोर्ट की जस्टिस लिजा गिल और जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता ने याचिका का निपटारा करते हुए आबकारी एवं कराधान विभाग को आदेश दिया है इस प्रतिवेदन पर जल्द कारण सहित स्पीकिंग ऑर्डर आदेश पारित करे।
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