Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा में बाढ़ की चपेट में 5200 गांव, किसानों ने उठाई 'जिसका खेत, उसका रेत' योजना लागू करने की मांग

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:18 PM (IST)

    हरियाणा के किसानों ने पंजाब की तर्ज पर जिसका खेत उसका रेत योजना लागू करने की मांग की है। भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मुआवजे और धान खरीद की तारीख पर बात की। किसानों ने खाद वितरण में समस्या कपास खरीद गन्ने की एमएसपी और बिजली टावरों के मुआवजे जैसे मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित किया।

    Hero Image
    हरियाणा के किसानों ने भी मांगा बाढ़ में आए रेत का मालिकाना हक

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के किसानों ने भी अब पंजाब की तर्ज पर जिसका खेत, उसका रेत योजना लागू करने की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में पहुंचे किसानों के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ बैठक में यह मुद्दा उठाया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साथ में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की। बुधवार रात मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक की जानकारी देते हुए भाकियू प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि प्रदेश के 5200 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।

    किसान नेताओं ने राज्य में धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू किए जाने की मांग करते हुए सीएम से कहा कि बाढ़ के कारण किसानों के जो ट्यूबवेल खराब हुए हैं, उनका मुआवजा दिया जाए। बरसाती नालों और नदियों की सफाई करवाने तथा तटीय बांधों की मरम्मत करवाने की जरूरत है।

    बाढ़ ने बढ़ाई किसानों की समस्या

    चीका हलके में हांसी बुटाना नहर के कारण घग्गर नदी बाढ़ का कारण बनती है, उस पर ध्यान दिया जाए। यूरिया खाद वितरण पोर्टल पर होने से किसानों को खाद लेने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसे तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए।

    कपास की पूरी खरीद सरकार के माध्यम से करवाए जाने की मांग करते हुए भाकियू नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा का मुआवजा देने का कानून लाया जाए।

    किसानों ने गन्ने की एमएसपी 500 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग करते हुए कहा कि बिजली के जो बड़े टावर किसानों के खेतों से निकलते हैं, वह एक राज्य से दूसरी स्टेट में जा रहे हैं। उसका मुआवजा किसानों को दिया जाना चाहिए।